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तीन दिवसीय 15वीं राष्ट्रीय कुंग-फू चैंपियनशिप का आगाज


20 राज्यों के 400 खिलाड़ी कर रहे हैं प्रतिभाग


लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। 15वीं तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुंग-फू चैंपियनशिप केडी सिंह बाबू स्टेडियम में गुरुवार से शुरू हुईं। उत्तर प्रदेश कुंग फू एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में भारत के 20 राज्यों के लगभग 500 कुंग फू एथलीट भाग लेंगे। जो 150 स्वर्ण पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।

इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता का उद्घाटन उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमन्त तिवारी ने किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर सचिव भारत सिंह उपस्थित थे।
चैंपियनशिप का लोगो, जिसमें दलदली हिरण (रुसेर्वस डुवेसिली) है, महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और पर्यावरणीय प्रतीक है। उत्तर प्रदेश के राज्य पशु के रूप में जाना जाने वाला दलदली हिरण एक दुर्लभ प्रजाति है जो बांग्लादेश और पाकिस्तान में विलुप्त हो गई है। अब मुख्य रूप से उत्तरी और पूर्वी भारत के जंगलों में रहती है। यह लोगो न केवल चैंपियनशिप को उजागर करता है, बल्कि इस शानदार जानवर के संरक्षण के बारे में जागरूकता भी बढ़ाता है।

इस मौके मुख्य अतिथि हेमन्त तिवारी ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि 15वीं राष्ट्रीय कुंग-फू चैंपियनशिप केवल एक खेल आयोजन नहीं है, यह मार्शल आर्ट संस्कृति और विरासत का उत्सव है। यह एथलीटों को अपने कौशल, समर्पण और अनुशासन का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस आयोजन से खेल प्रेमियों, मीडिया और आम जनता का काफी ध्यान आकर्षित होने की उम्मीद है, जिससे यह भारतीय मार्शल आर्ट कैलेंडर में एक ऐतिहासिक अवसर बन जाएगा।
विशिष्ट अतिथि भारत सिंह ने कहा कि देश को इस खेल की बहुत जरूरत है। इससे भावी पीढ़ी अनुशासित खिलाड़ी और अनुशासित नागरिक बन सकते हैं।
उत्तर प्रदेश कुंग फू एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार गौतम और उपाध्यक्ष व अंतर्राष्ट्रीय कुंग-फू फेडरेशन (चीन) के महासचिव ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी संगठनात्मक प्रयासों का नेतृत्व करेंगे। दोनों ने भारत में कुंग फू को बढ़ावा देने और इस चैंपियनशिप की सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कुंग फू फेडरेशन ऑफ इंडिया की महासचिव मंजू त्रिपाठी, महाराष्ट्र के विनोद कुमार यादव, हैदराबाद के समुद्रला किरण, तेलंगाना के गजुला साई कुमार और मणिपुर के जसवंत सिंह भी विभिन्न निर्णायक समितियों के मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करेंगे। उनकी विशेषज्ञता यह सुनिश्चित करेगी कि चैंपियनशिप निष्पक्षता और अखंडता के उच्चतम मानकों के साथ आयोजित की जाए।