लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पूरा देश चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की पहली वर्षगांठ मना रहा है। इसी उपलक्ष्य में आंचलिक विज्ञान नगरी में शुक्रवार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्टूडेंट्स के लिए विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। जिसके तहत अन्तरिक्ष विज्ञान विषय पर एक लिखित प्रश्नोत्तरी, अन्तरिक्ष में भारत विषयक पोस्टर प्रतियोगिता, टेलिस्कोप निर्माण कार्यशाला, खगोल विज्ञान पर सजीव प्रदर्शन इत्यादि कार्यक्रम हुए।
कार्यक्रम के अंत में अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियां विषयक विज्ञान व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. एसएन साहू (वरिष्ठ वैज्ञानिक, ISTRAC, लखनऊ) एवं डॉ. प्रमोद टंडन (अध्यक्ष, नासी, लखनऊ चैप्टर) मौजूद रहे।
अपने व्याख्यान में बोलते हुए डॉ. एसएन साहू ने बताया कि अन्तरिक्ष के क्षेत्र में हमारे इसरो ने किस प्रकार मामूली शुरुआत की और कैसे आज इस मुकाम पर पहुंचा। जिसकी सफलताओं को आज पूरा विश्व निहार रहा है। विभिन्न उपग्रहों के प्रक्षेपण यान और उद्यमिता मिशन तकनीकि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन के बारे में विस्तार से चर्चा की। जैसे कि चंद्रयान-3 मिशन की योजना, इसका विकास, विस्तार एवं इसके प्रक्षेपण तक क्या-क्या सावधानियां बरती गयीं।
उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में युवाओं के लिए नौकरी के अपार अवसर उपलब्ध हैं। अतः उन्हें इस क्षेत्र में पूरी मेहनत एवं ईमानदारी के साथ आगे आना चाहिए। अंत में उन्होंने अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट सेवा से अपने देश का नाम एवं गौरव बढ़ाने हेतु युवाओं को प्रेरित किया।
अपने व्याख्यान में बोलते हुए मुख्य अतिथि डॉ. प्रमोद टंडन ने बच्चों को स्पेस डे के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष हमारे अस्तित्व के लिए एक अभिन्न अंग है और हमेशा से यह मानव जाति के लिए एक रहस्यमय और आकर्षक विषय बना रहा है। आज हम कुछ सहयोगी उपकरणों हेतु अन्य देशों पर निर्भर हैं। अतः हमारे विज्ञानिकों को अपने उत्कृष्ट योगदान एवं परिश्रम से हमें आत्मनिर्भर होना पड़ेगा, जिससे कि ऐसी परियोजनाओं की लागत एवं इनकी गुणवत्ता किफायती हो सके।
केंद्र के परियोजना समायोजक स्वरूप मंडल ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत अभिवादन करते हुए बताया कि अंतरिक्ष अन्वेषण ने हमें अपने ग्रह, सौर मंडल और ब्रह्मांड के बारे में नए दृष्टिकोण प्रदान किए हैं। नेशनल स्पेस डे हमें अंतरिक्ष की दुनिया के करीब लाने और इसके महत्व को समझने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन, हम अंतरिक्ष विज्ञान की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए प्रेरित करते हैं और भविष्य की पीढ़ियों को अंतरिक्ष के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए यह कार्यकम एक प्रोत्साहन है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। विभिन्न कार्यक्रमों में विविध 24 स्थानीय स्कूलों से लगभग 1000 विद्यार्थी, शिक्षक एवं वैज्ञानिकगण ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।