लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। अंतर्राष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) दिवस के उपलक्ष्य में, विज्ञान फाउंडेशन ने एपीपीआई के समर्थन से ‘गिविंग विंग्स टू ड्रीमर्स’ परियोजना के अंतर्गत लखनऊ के चार स्लम क्षेत्रों अहमदगंज पजावा, राधाग्राम-बालागंज, पूरवीदीन खेड़ा-पारा और बड़ा खुदान में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुडौली में डॉ. अखिलेश ने शिविर में उपस्थित बालिकाओं और महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया कि पीरियड्स के दौरान अक्सर कपड़े का उपयोग करते हैं। वह कपड़ा अगर साफ सुथरा नहीं है तो ऐसी स्थिति में महिलाओं के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है। इसलिए हमेशा सेनेटरी पैड का इस्तेमाल माहवारी के समय करना चाहिए। इसके साथ ही आयरन की कमी से बचाव हेतु आयरन की गोलियों का सेवन या फिर गुड और चने का इस्तेमाल करना चाहिए। भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि सैनिटरी पैड, टैम्पोन, मासिक धर्म कप और पीरियड पैंटी जैसे विभिन्न मासिक धर्म प्रबंधन उत्पादों को समाज के ग्रामीण और निम्न सामाजिक-आर्थिक वर्गों के लिए रियायती दर पर उपलब्ध और सुलभ बनाया जाना चाहिए। ताकि उनकी सामर्थ्य और उपयोग में सुधार हो सके।
माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर आयोजित शिविरों में आवश्यक चिकित्सा सेवाएं, जैसे स्वास्थ्य जांच, दवाइयां और मासिक धर्म स्वच्छता शिक्षा प्रदान की गईं। लड़कियों को उनके लाभ के लिए आईएफए टैबलेट्स और ओआरएस मिश्रण भी प्रदान किए गए।

इस शिविर का उद्देश्य मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रथाओं पर चर्चा को सुविधाजनक बनाना और मासिक धर्म पर बात करने के बारे में फैली वर्जनाओं को तोड़ना था। स्थानीय सीएचसी और पीएचसी से समर्पित स्वास्थ्य पेशेवरों की एक टीम ने समुदाय की सेवा की। स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा दिया। महिलाएं और लड़कियां इस स्वास्थ्य शिविर से लाभान्वित हुईं।
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