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कब है बड़ा मंगल, क्या है महत्व? जानें तिथि और हनुमान जी की पूजा विधि

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। कलयुग में सबकी जिंदगी में संकट हैं और संकट को हरने के लिए संकटमोचक हनुमान ही एक मात्र विकल्प हैं और अब उनको प्रसन्न करने वाला खास समय भी आ चुका है। इस वर्ष पहला बड़ा मंगल 28 मई को पड़ रहा है। इसके अलावा यह 4, 11 और 18 जून को पड़ेगा। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह पर्व ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगवार के दिन मनाया जाता है।

बड़े मंगल के दिन हनुमान जी की व्रत-पूजा अचूक मानी गई है। भक्त इस दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना के बाद चौराहों पर जगह-जगह पंडाल लगाकर भंडारे का आयोजन करते हैं और हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

ज्योतिषाचार्य आचार्य देव से जानते हैं, बड़ा मंगल का महत्व क्या है और इस दिन हनुमान जी की पूजा कैसे करें?

आचार्य देव ने बताया कि विशेष तौर पर बड़ा मंगल का पर्व मध्य भारत में मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर भक्त इसे बूढ़वा मंगल के नाम से भी जानते हैं। इस दिन हुनमान जी के मंदिरों में सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है।

कब-कब है 2024 में बड़ा मंगल

ज्येष्ठ का पहला बड़ा मंगल –  28 मई 2024

ज्येष्ठ का दूसरा बड़ा मंगल –  04 जून 2024

ज्येष्ठ का तीसरा बड़ा मंगल – 11 जून 2024

ज्येष्ठ का चौथा बड़ा मंगल –  18 जून 2024

बड़ा मंगल का महत्व

मान्यता है कि इस दिन बजरंगबली को चोला चढ़ाने, दान पुण्य करने से हर तरह की बाधा दूर हो जाती है। बड़ा मंगल के दिन विधि विधान से हनुमान जी की पूजा करने से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ माह के बड़ा मंगल का संबंध महाभारत और रामायण से जुड़ा है। मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह के मंगलवार को भगवान हनुमान पहली बार भगवान राम से मिले थे।

अन्य मान्यता के अनुसार एक बार भीम को अपनी शक्तियों पर बड़ा घमंड हो गया था। तब उन्‍हें सबक सिखाने के लिए हनुमानजी ने एक बूढे़ वानर का रूप धारण करके उनके घमंड को तोड़ा था। तभी से इस दिन को बुढ़वा मंगल के नाम से मनाया जाने लगा।

ऐसे करें हनुमान जी की पूजा, सभी संकटों से मिलेगी मुक्ति

बड़ा मंगल के दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवा वस्त्र धारण करें।

लाल रंग के स्वच्छ आसन पर बैठें।

मंदिर को साफ करके दीप प्रज्वलित करें।

संध्या वंदन करें एवं हनुमान जी का ध्यान विशेष रूप से करें।

चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की प्रतिमा को विराजमान करें।

हनुमान जी को सिंदूर एवं चमेली के तेल का लेपन करें।

चांदी का वर्क अर्पण करें।

फूल, चावल एवं सामर्थ्य अनुसार उपलब्ध साधनों से हनुमान जी का पूजन करें।

घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जाप करें।

सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

हनुमान जी को सवामणि का भोग लगाएं।

अपनी श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में लाल चीजों का दान करें।

बड़े मंगल पर करें इन मंत्रों का जाप

हनुमान मंत्र

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्

दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्

रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः

यश-कीर्ति की प्राप्ति के लिए मंत्र

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

शत्रु पराजय के लिए हनुमान मंत्र

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय

रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति

भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।

बड़ा मंगल के दिन करें ये उपाय हर काम में मिलेगी सफलता

इस दिन बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं।

हनुमान जी को लाल वस्तुएं अर्पण करें।

हनुमान जी को चमेली का तेल, सिंदूर और चांदी का वर्क चढ़ाएं।

हुनमान जी को मीठे पान का भोग लगाएं।

मंदिर के बाहर बैठे गरीब लोगों को मीठे चावल बांटे।

इन उपायों को करने से भक्तों के जीवन में संबंधों में सुधार आता है। घरेलु झगड़े शांत होते हैं। भूमि से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है। जो युवा सेना में नौकरी का सपना देखते हैं उनके सपने पूरे होते हैं। राजनीति से जुड़े लोगों को नेतृत्व प्राप्त होता है। सामाजिक गतिविधियों से जुड़े लोगों को सम्मान की प्राप्ति होती है।

ऐसे ही सनातन धर्म की व्रत कथा, त्योहार आदि महत्वपूर्ण जानकारी के लिए वामा ब्लॉग पढ़ें।