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“हे गोविन्द राखो शरण अब तो जीवन हारे…”

सूरदास के भक्ति पदों से सजी लोक चौपाल

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महाकवि सूरदास जयन्ती के उपलक्ष्य में उनके भक्ति पदों पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति तोकौं कान्ह बुलावै से अवध की शाम सजी। रविवार को गोमती तट स्थित खाटू श्याम मन्दिर परिसर में लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा लोक चौपाल के अन्तर्गत श्रीश्याम परिवार के सहयोग से आयोजित प्रस्तुतियों में कृष्ण के लीला रूप, सौन्दर्य और प्रेम की मनोरम झांकी सजीव हुई।

शुभारम्भ वरिष्ठ गायिका नीरा मिश्रा के निर्देशन में राग शिवरंजनी पर आधारित गीत प्रभु मोरे अवगुन चित्त न धरो की सामूहिक प्रस्तुति से हुआ। राग खमाज पर आधारित भक्ति पद मेरो मन अनत कहां सुख पावे, जसोदा हरि पालने झुलावै, रे मन कृष्ण नाम कहि लीजै, राग पीलू पर आधारित नाथ मोहिं अबकी बेर उबारो तथा राग केदार पर आधारित हे गोविन्द राखो शरण अब तो जीवन हारे जैसे भक्ति पदों से वातावरण गूंज उठा।

संगीत भवन की ओर से अन्तरा भट्टाचार्य के निर्देशन में पंडित कमल डेविड की राग मिश्र भैरव पर आधारित स्वर रचना हरि हरि हरि सुमिरन करौ में अथर्व श्रीवास्तव, कर्णिका सिंह, शिर्षा अग्रवाल, स्मिता पाण्डेय, अव्युक्ता, अर्चित अग्रवाल, अमेया सिंह, प्रवीन गौर एवं आशुतोष ने प्रतिभाग किया। स्वरा त्रिपाठी ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दी।

संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि सूरदास के सभी भक्ति पद 18 से 24 मई के बीच आनलाइन प्रशिक्षण शिविर में सिखाये गये थे। सामूहिक प्रस्तुति के कलाकारों में अनीता कुमारी, प्रीति श्रीवास्तव, आभा शुक्ला, अल्पना श्रीवास्तव, अर्चना गुप्ता, अवनीश शुक्ला, अनीता मिश्रा, सरिता अग्रवाल, कुमकुम मिश्रा, रश्मि उपाध्याय, शकुन्तला श्रीवास्तव, रीना मिश्रा ‘कंचन’, निधि निगम, शिखा श्रीवास्तव, प्रीति चतुर्वेदी, ललिता श्रीवास्तव, सीमा अग्रवाल, डा. रचना गुप्ता, मधु माथुर, रत्ना शुक्ला, ज्योति किरन रतन, रागिनी अग्रवाल, शशि वर्मा, नीलम वर्मा, कुसुम वर्मा, देवेश्वरी पंवार, अनुज श्रीवास्तव, सुषमा प्रकाश, रिंकी सिंह विश्वकर्मा, मंजुला श्रीवास्तव, सुमन शर्मा आदि प्रमुख रहे। कार्यक्रम में डा. उषा बाजपेयी, रुपेश अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, राजनारायण वर्मा, अनुराग साहू, डा. एसके गोपाल उपस्थित रहे।