के. संतोष कुमार
बीजापुर (छत्तीसगढ़), टेलिस्कोप टुडे। बीजापुर में दो मासूम बच्चों की मौत, हमले के दौरान हुई दुर्घटना..
नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में गुमनामी के खिलाफ जारी जंग में आंतकवादी हमले में मृत्यु हो रही है। सोमवार को भी दो मासूम बच्चे जिंदा चिड़ियाघर आईईडी की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि तेंदू पत्ता तोड़ने वाले युवकों पर 2015 में 200 बच्चों की मृत्यु हो गई थी।
यूबीजीएल की चपेट में आए बच्चों की लगातार मौत हो रही है, वहीं सोमवार को भी दो नाबालिग बच्चों की भी मृत्यु हो गई। इस घटना की जानकारी के अनुसार जिंदा न्यूक्लियर आईईडी से ब्लास्ट इतना जबरदस्त हुआ कि उनकी घातक घटना स्थल पर हो गई। हालांकि यह जिंदा जूलियट आईईडी खेत में कैसे आया, यह बात अब तक पता नहीं चल पाई है, लेकिन एक दिन अलाहिदा ने फ्लोरिडा में ब्लास्ट किया। प्लांट पोर्टफोलियो आईईडी, टिफिन बम और यूबीजीएल (बैरल ग्रेनेडा लॉन्चर) स्पाईक होल की जांच आई।
बीजापुर नदी के एसपी इंजीनियर यादव से मिली जानकारी के अनुसार जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के इंद्रावती पार सेस बोडगा गांव के ओड़सापारा में ग्रामीण तेंदूपत्ता की तोड़ाई कर रहे थे और बगल के खेत में ही जिंदा फर्म की आईईडी लगी थी। गांव के दो मासूम बच्चों की टीम के सदस्य आईईडी के प्लास्टिक में और यह प्लास्टिक आईईडी ब्लास्ट हो गया, जिससे दोनों मासूम बच्चों की मृत्यु हो गई। ओयम पिता कमल ओयम की उम्र लगभग 11 वर्ष बताई जा रही है।
यहां सूचना बैठक के बाद भैरमगढ़ जिले से ग्रामवासियों से संपर्क कर वैधानिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। बीजापुर जिले में हर साल आईईडी ब्लास्ट की घटना से मृत्यु होती हैं। 4 माहीनो में यह आठवीं मृत्यु है। हर साल आईईडी की प्रैक्टिस में 20 से ज्यादा लोगों की मौतें हो गई। इसके घर में भी आईईडी की कोचिंग में 20 से ज्यादा लोग मारे जा रहे हैं। दो मासूमों की मौत के बाद जिला कलक्टर अनुराग पांडे ने दो मासूमों की मौत के बाद केंद्र सरकार की ओर से 5 लाख और राज्य सरकार की ओर से 5 लाख की रकम दी। 25 के लिए 25 हजार रुपए पूर्व राशि की घोषणा की।