Saturday , May 18 2024

5 से 7 मई तक जयपुर में आयोजित जीआईटीबी में प्रतिभाग करेगा उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग

पर्यटन विभाग जीआईटीबी में 250 से अधिक विदेशी डेलीगेट्स के सामने करेगा प्रदेश के पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग आगामी 5 से 7 मई तक जयपुर, राजस्थान में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित ‘द ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाज़ार’ (जीआईटीबी) के 13वें संस्करण में प्रतिभाग करेगा। पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित, तीन दिवसीय जीआईटीबी में 250 से अधिक विदेशी डेलीगेट्स भाग लेंगे।

जीआईटीबी देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिष्ठित मंच है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग इस आयोजन में अपने स्टॉल और बीटूबी मीटिंग्स के माध्यम से अपने पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करेगा। उत्तर प्रदेश में धार्मिक, एतिहासिक और इको-पर्यटन के साथ कई मनमोहक और आकर्षक वेडिंग स्थल भी है जिसको इस मंच के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू पर्यटकों के सामने प्रदर्शित किया जायेगा। 

जीआईटीबी वेडिंग और फिल्म निर्माण का भी बड़ा बाजार उपलब्ध कराता है जिसकी उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं है। वर्ष 2023 में 48 करोड़ पर्यटकों के साथ यूपी घरेलू पर्यटन में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में अपनी सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने वाले छह महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल, कई वन्य अभयारण्य के साथ बुंदेलखंड के क़िले और हवेलियां भी मौजूद है जो पर्यटकों को आकर्षित करती है। 

द ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार 2024′ में 275 विदेशी टूर ऑपरेटर, कई इंटरनेशनल वेडिंग प्लानर्स एवं घरेलू वेडिंग प्लानर्स सहभागिता करेंगे, जो पर्यटन और वेडिंग से संबंधित अपने उत्पादों को प्रस्तुत करेंगे। इस आयोजन में गुजरात,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश,गोवा, तमिलनाडु और उड़ीसा के पर्यटन विभाग भी सहभागिता कर रहे हैं। इस आयोजन में 11,000 से अधिक पूर्व-निर्धारित बीटूबी मीटिंग्स का आयोजन भी होगा।  

उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति, मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि, ”हमारा लक्ष्य यूपी को विश्व स्तर पर सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है,  इस मंच से हम राज्य के मनमोहक पर्यटन स्थलों और एतिहासिक इमारतों को डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रुप में विदेशी डेलीगेट्स के सामने प्रदर्शित करेंगे।”