लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। इस क्षेत्र के विकास में सही आंकड़ों की बड़ी भूमिका है। देश को विश्व पटल पर अग्रणी पर्यटन स्थल बनाने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पर्यटकों की संख्या के आंकलन में एकरूपता लाने के उद्देश्य से नई सर्वेक्षण प्रणाली से सर्वे करा रहा है।
इसी क्रम में पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग में दो दिवसीय पर्यटक सर्वेक्षण ट्रेनिंग का आयोजन किया। जिसमें पर्यटन विभाग के अधिकारियों और सर्वेयर को नए सर्वेक्षण मेथोडोलाजी की ट्रेनिंग प्रदान की गयी। इस कार्यशाला में यूएनडब्ल्यूटीओ द्वारा निर्धारित परिभाषा और मानक के अनुसार आगंतुकों/पर्यटकों की संख्या के आंकलन तथा उसे प्रश्नावली में दर्ज करने के बारे में विस्तार से बताया गया।
इस पर्यटक सर्वेक्षण मेथोडोलाजी के 2 चरण हैं। पहला 1 महीने का प्रारंभिक चरण और दूसरा 12 महीने का मुख्य चरण। फेस 1 (प्रारंभिक चरण) का मुख्य उद्देश्य सर्वेक्षण के विभिन्न गंतव्यों/एक्ज़िट पाइंट) पर पर्यटकों/आगन्तुकों की संख्या का आंकलन करना है, ताकि मुख्य सर्वेक्षण के लिए निर्धारित सैंपल साइज़ का सही वितरण हो सके। नयी सर्वेक्षण मेथोडोलाजी का उद्देश्य सभी राज्यों द्वारा एकत्रित पर्यटकों के आंकड़ो में एकरूपता लाना है। जिससे ट्रैवल टूरिज़म डेव्लपमेंट इंडेक्स (टीटीडीआइ) में भारत को अग्रणी स्थान मिले। वर्ष 2023 में भारत इस इंडेक्स में 54वें स्थान पर है।
मौजूदा सर्वेक्षणों में अभी 68 मानकों पर आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं, जबकि यूएनडबल्यूटीओ के अनुसार 145 मानकों पर आंकड़े एकत्रित करने होते है। पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों और उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ट्रेनिंग के उपरांत फील्ड पर जाकर नए सर्वेक्षण मेथोडोलाजी के अनुसार प्रश्नावली को भरा।
इस सर्वेक्षण ट्रेनिंग में पर्यटन मंत्रालय के निदेशक फकरे आलम, उप निदेशक राहुल गुप्ता, एनपीसी कंसल्टेंट ज्योति रंजन मजूमदार, ईशा प्रिया (विशेष सचिव उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम) सहित अन्य अधिकारी और सर्वेक्षक मौजूद थे।