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पर्वतीय संस्कृति के बीच गूंजे होली गीत, बिखरी शास्त्रीय नृत्य की छठा

 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। स्वर इण्डिया एसोशिएशन के कलाकारों द्वारा उत्तराखण्ड महापरिषद भवन में अवध सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किया गया। होली और रामनवमी से पूर्व समूचा आयोजन राममय और लोकरंग में रहा। कार्यक्रम का आरम्भ संस्था के अध्यक्ष कर्नल हर्षवर्धन गुप्ता और सचिव हेम सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुये दीप प्रज्जवलन के साथ किया और अपनी गतिविधियों के बारे में बताया। 

नन्दिनी के मंच संचालन में कार्यक्रम का आरम्भ निवेदिता बनर्जी की श्री राम स्तुति ठुमक चलत रामचंद्र… से हुआ। अवधी लोक नृत्य बदरिया घेर आयी ननदी… की प्रस्तुति हुयी। देवि सरस्वती की स्तुति शिंजनी सरकार ने राग हिण्डोलम् पर भावमय नृत्य गतियों में पेश की। अवधी गायन और लोकगीतों की छठा सुष्मित त्रिपाठी, स्वेच्छा वर्मा, अंजुली श्रीवास्तव, शुभांकी सिंह आदि ने सबपे चढ़ा भगवा रंग… और श्याम तेरी बंसी मेरा नाम रटते… जैसे रसमय गीतों के माध्यम से बिखेरी।

डाण्डिया लोक नृत्य के संग मिश्रित पहाड़ी नृत्यों की झलक कलाकारों ने हिमगिरि थानाये हेमलते… जैसे गीतों पर दिखायी। भरतनाट्यम की महात्रिपुर सुन्दरी की राग अम्बा पर की गयी। मोहक प्रस्तुतियों के साथ  कलाकारों ने सूफी नृत्य की पेशकश- मोरा मुरसिद खेले होली….. जैसे गीत पर रखी। खेल रहे बांके बिहारी होली…. की रंग और उल्लास भरी प्रस्तुति से समापन हुआ।

संचाली राज, खुशी सोनकर, ईशा श्रीवास्तव, आन्या मदार, लक्ष्मी, अरना भट्ट, वर्तिका ओझा, शिवानी, शैलेन्द्र सिंह, दीपा, तमन्ना, ज्योति, अंशिका सिंह और स्वरूपा सिंह इत्यादि मंच पर उतरे। पूरी प्रस्तुति की परिकल्पना एवं संगीत निर्देशन हेम सिंह का, नृत्य सहयोग और परिधान परिकल्पना स्वरूपा सिंह व हरितिमा पंत की रही। संगत कलाकारों में ड्रम पैड पर कृष्ण मोहन, ढोलक पर राजेश तिवारी और आर्गन पर विजय साहनी ने प्रतिभा दिखायी। अंत में अतिथियों और संस्था के पदाधिकारियों ने कलाकारों को सम्मानित करने के साथ प्रमाण-पत्र प्रदान किये। संस्था के सचिव हेम सिंह ने सभी का आभार व्यक्त समापन किया।