लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारतीय उद्योग परिसंघ उत्तर प्रदेश ने बुधवार को सीआईआई यूपी एमएसएमई सम्मेलन का आयोजन किया। जहां उत्तर प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाने में एमएसएमई की अपरिहार्य भूमिका तथा उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी में एमएसएमई यूनिट्स की महत्वपूर्ण भूमिका पे चर्चा परिचर्चा हुई। प्रमुख सरकारी अधिकारियों, अर्थशास्त्रियों और विचारकों सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित वक्ताओं और विषय विशेषज्ञों ने राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले कारकों पर चर्चा, विचार-विमर्श और बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान किया।
सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रांजल यादव (आईएएस, सचिव, एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार) ने कहाकि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में निवेश बढ़ाने और एमएसएमई तथा एसएमई यूनिट्स को विभिन्न व्यापारिक प्रोत्साहन प्रदान कराने हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने उल्लेख किया कि एमएसएमई किसी भी राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि रोजगार सृजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है तथा वे देश के निर्यात वृद्धि में आधे से अधिक का योगदान देते हैं। उन्होंने सदस्यों को एमएसएमई और एसएमई इकाइयों को मजबूत करने के लिए यूपी सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं और प्रोत्साहनों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहाकि ओडीओपी योजना से हस्तशिल्प व्यापारियों को काफी लाभ हुआ है।यह कारीगरों के नवीन कौशल को भी बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने राज्य में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई कपड़ा नीति और कपड़ा पार्क के बारे में भी बात की।
यावर अली शाह (संयोजक, सीआईआई एमएसएमई पैनल और सह-संस्थापक और सीईओ, AMA हर्बल लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड) ने उल्लेख किया कि ओडीओपी ने राज्य के एमएसएमई क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इससे न केवल राज्य का निर्यात कई गुना बढ़ा है, बल्कि यूपी की कला और शिल्पकारी को वैश्विक पहचान भी मिली है। उन्होंने कहाकि उद्यमियों को प्रोत्साहित करने हेतु तथा उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु हमें और अधिक इनक्यूबेशन केंद्रों को स्थापित करने की आवश्यकता है। जिससे की व्यवसाय संचालन में तथा व्यापार में एआई के उपयोग को शामिल कर औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को और मज़बूत किया जा सके।
स्मिता अग्रवाल (अध्यक्ष, सीआईआई यूपी स्टेट काउंसिल और निदेशक एवं सीएफओ, पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड) ने उल्लेख किया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्द्योग हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है।एमएसएमई नवाचार, रोजगार और आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एमएसएमई क्षेत्र के प्रति राज्य सरकार की अटूट प्रतिबद्धता, सिंगल विंडो क्लीयरेंस, इज़ ऑफ़ डूईंग बिज़नेस तथा एमएसएमई की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप बुनियादी ज़रूरतों से सम्बंधित विकास परियोजनाओं जैसी पहलों के माध्यम से देखने को मिलती है।
रजत मेहरा (संयोजक- सीआईआई पॉलिसी एडवोकेसी पैनल और निदेशक रजत केमिकल्स इंडस्ट्री) ने कहा कि कोविद जैसे चुनौती भरे माहौल में भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए हमारे एमएसएमई ने लगातार अनुकूलनशीलता और अदम्य सहस का प्रदर्शन किया है। भविष्य में ऐसे माहौल को देखते हुए हमें की.आई.आई के सहयोग से एमएसएमई इकाइयों को और प्रगतिशील, गतिशील बनाने की आवश्यकता है।