उद्योगों में बौद्धिक संपदा कितनी अहम, राष्ट्रीय आईपी यात्रा कार्यक्रम से जानें
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा ऑफिस ऑफ डेवलपमेंट कमिश्नर (माइक्रो, स्माल, एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) एमएसएमई मंत्रालय (भारत सरकार) के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकार कार्यक्रम का गुरुवार को आगाज हुआ।

बतौर मुख्य अतिथि मौजूद कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने दीप प्रज्वलित कर सत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने जोर देकर इस बात का जिक्र किया कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गतिशील नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित किया ताकि वे नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन सकें। उन्होंने राज्य की उद्यमिता, एमएसएमई और स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर केंद्रित यूपी सरकार की विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना के हालिया लॉन्च की भी जानकारी दी जिसके माध्यम से सूक्ष्म उद्यमियों को ₹5 लाख तक की वित्तीय सहायता दी जा रही है।
उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र हुए। इनमें युनाइटेड एंड युनाइटेड के हेड प्रोस्क्यूशन वसंत चंद्रा जैसे विशेषज्ञों ने आईपीआर पर विस्तार से चर्चा की और आईपी उल्लंघन के कारण उठाए गए कुछ हालिया मुद्दों पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय आईपी यात्रा कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, एमएसएमई मंत्रालय, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के वरिष्ठ अधिकारियों और युनाइटेड ऐंड युनाइटेड के आईपीएआर विशेषज्ञ की भागीदारी कर रहे हैं। कार्यक्रम में एमएसएमई, स्टार्ट-अप क्षेत्र से और विधि और तकनीकी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों सहित 150 से अधिक लोगों की भागीदारी रही।

साथ ही पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने यूपी चैप्टर की महिला उप-समिति- वीमेन इन बिजनेस अलायंस (WIBA) के लॉन्च की घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य राज्य में महिला उद्यमियों को नेटवर्किंग, मेंटरशिप और संसाधनों तक पहुंच के लिए एक मंच देकर सशक्त बनाना और उनका समर्थन करना है।
उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के सचिव प्रांजल यादव ने कहा कि भारत औद्योगीकरण के मामले में वैश्विक बाजार बन गया है और निवेश के अवसरों और व्यापारिक सहयोग के लिए पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। उन्होंने ओडीओपी, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम जैसी विभिन्न योजनाओं पर जानकारी दी। इनके जरिए छोटे उद्यमों को उनकी क्षमता निर्माण और विकास के लिए सहयोग दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में लखनऊ टेक्सटाइल हब बनने जा रहा है। दरअसल, यूपी ने क्रांतिकारी कदम के तहत पहले ही टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए लगभग 1000 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली है। इससे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार दर में वृद्धि होगी और साथ ही उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यकारी निदेशक डॉ. रणजीत मेहता ने सत्र के दौरान मौजूद सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों और वक्ताओं का स्वागत किया। उन्होंने पीएचडी चैंबर की भूमिका के बारे में जानकारी दी जो उद्योगों, उद्यमियों और एमएसएमई को बढ़ावा देने में बढ़ावा देने के रूप में काम करता है। उन्होंने सम्मेलन का विषय भी सामने रखा।
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