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‘‘कुक्कुट विकास नीति‘‘ लागू होने के बाद पोल्ट्री उद्योग में दिख रहा उछाल : डॉ. दिनेश शर्मा

खपत के अनुरूप पोल्ट्री उत्पादन में यूपी हो रहा आत्मनिर्भर


उत्तर प्रदेश में सालाना है 1000 करोड़ का पोल्ट्री का व्यापार

बाल कुपोषण को दूर करने के लिये अन्य राज्यों की तरह प्रदेश की आंगनबाड़ी व स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में अंडा दिया जाने की मांग

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में कुक्कुट पालन को बढ़ावा देने के लिये राज्य की योगी सरकार ने ‘‘कुक्कुट विकास नीति‘‘ लागू कर दी है। जिसके कारण प्रदेश में पोल्ट्री व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है। पहले प्रदेश में पोल्ट्री उत्पाद दूसरे राज्यों से आते थे किंतु प्रदेश अब अपनी खपत को पूरा करने के लिये आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। गोमतीनगर स्थित इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में मंगलवार को तीन दिवसीय इंडिया पोल्ट्री एक्सपो-2024 का शुभारम्भ करने के बाद उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि मौजूद राज्यसभा सांसद व पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहीं। 

पीपुल फ़ॉर पोल्ट्री एवं कुक्कुट विकास समिति की ओर से आयोजित इस एक्सपो के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश अपनी खपत के अनुरूप पोल्ट्री उत्पादों का उत्पादन करे। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है तथा पशुपालन इसका अभिन्न अंग है एवं पशुपालन के क्षेत्र में पोल्ट्री व्यवसाय सबसे संगठित उद्योग के रूप में उभर रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पोल्ट्री व्यवसाय स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाला व्यवसाय है। 

मुर्गीपालक किसानों ने संगठन के माध्यम से मुख्य अतिथि से यह अनुरोध किया कि शासन द्वारा मुर्गीदाने में उपयोग होने वाले मुख्य घटक वस्तुतः मक्का, सोयाबीन की खली, मूंगफली की खली, चाँवल की कनकी, चाँवल का कोढ़ा इत्यादि की कीमतों में सब्सिडी दी जाए ताकि सस्ता दाना बनाया जा सके, अभी दाना बहुत महंगा पड़ता है जिसके कारण उत्पादों की उत्पादन लागत बढ़ जाती है। संगठन ने यह भी मांग रखी कि बाल कुपोषण को दूर करने हेतु, दूसरे राज्यों की तरह प्रदेश की आंगनबाड़ी तथा स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में अंडा दिया जाए।


आयोजन समिति से जुडे़ डॉ. आकाश वार्ष्णेय एवं डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि पोल्ट्री एक्सपो का मुख्य उद्देश्य पोल्ट्री व्यवसाय में विकसित हो रहीं नई वैज्ञानिक तकनीकियों की जानकारी ग्रामीण तथा अर्ध शहरी क्षेत्रों के छोटे से छोटे पोल्ट्री फार्मरों को उपलब्ध करवाना है। इस एक्सपो में स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की लगभग 70 कंपनियां अपने स्टॉल लगाई हुई हैं। इस स्टॉल में पोल्ट्री फीड, दवाइयां तथा पोल्ट्री इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियां प्रमुख हैं। तीन दिनों तक देश के ख्यातिप्राप्त पोल्ट्री वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ पोल्ट्री फार्मिंग में प्रबंधन, रोग तथा निदान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने व्याख्यान देंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में पोल्ट्री का व्यापार सालाना 1000 करोड़ का है। यहां अंडे की मांग को पुरा करने के लिये कई कम्पनियों ने अपना पोल्ट्री फार्म लगाना शुरु कर दिया है। परिणाम स्वरूप अब यूपी में अंडे की खपत को यहीं से पूरा किया जा रहा है।