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Colorothon : सतरंगी छटा संग बिखरे कुदरती रंग, छाया रंगों का जादू, बारिश में भी दिखा अदभुत नजारा

लखनऊ में मचा रंगों का धमाल, शालिमार कलरथॉन ने रचा कला, संस्कृति और रचनात्मकता का संगम

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)।आसमान में कड़कती बिजली व बरसते ओलों के साथ नीर भरी बदली थी तो नीचे रंगों का जादू छाया था। आसमान से बिखर रहे कुदरती रंग के बीच कोई अपने पूरे परिवार के साथ तो कोई मित्रों के साथ कागज व कैनवास पर अपनी कला को उकेर रहा था। रविवार को गोमती नगर स्थित राम मनोहर लोहिया पार्क में शालिमार कॉर्प के सहयोग से कलरथॉन द्वारा बहुप्रतीक्षित आर्ट फेस्टिवल में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला।

यह कार्यक्रम सभी उम्र के लोगों के लिए एक नया और रोमांचक अनुभव था, जहां कला की सुंदरता का जश्न मनाया गया। वहीं इस अद्भुत दृश्य ने फ़िल्म “तारे जमीं पर” की याद दिला दी। तेज गरज चमक के साथ रुक रुक कर हो रही बारिश और आसमान से बरस रहे ओले भी कलाकारों के उत्साह में कोई खलल नहीं डाल पाए। बारिश के दौरान काफी संख्या में युवा व बच्चे छाता लगाकर पेंटिंग करते दिखे।

उत्तर प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम और कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, लखनऊ की डीन प्रोफेसर वंदना सहगल ने मिलकर कैनवास पर रंग लगाकर इस आर्ट फेस्टिवल की शुरुआत की। इस मौके पर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, मशहूर वैज्ञानिक मिलिंद राज, शालिमार कॉर्प के डायरेक्टर कुणाल सेठ, कलरथॉन फाउंडेशन के संस्थापक गौरव प्रकाश, भूपेश राय, अहमद और शम्स भी मौजूद थे। 7हॉर्स कम्युनिकेशंस इस कार्यक्रम के पीआर पार्टनर रहे।

ये कार्यक्रम सही मायनों में एक यादगार आयोजन रहा। भारत के ड्रोन मैन मिलिंद राज ने हैरतंगेज रोबोटिक आर्ट इवेंट का नेतृत्व किया। इस उत्सव में हर उम्र के लोगों ने कला की खूबसूरती का आनंद लिया। लाइव प्रदर्शन, प्रसिद्ध कलाकारों के साथ बातचीत करने का अवसर और हैंड्स-ऑन पेंटिंग सेशन इस आर्ट फेस्टिवल के मुख्य आकर्षण बने रहे। इसके अलावा, लाइव म्यूजिक और नृत्य कार्यक्रमों ने उत्सव और सौहार्द के वातावरण के आनंद को कई गुना बढ़ा दिया।

शालिमार कॉर्प के निदेशक कुणाल सेठ ने कहा, “शालिमार कलरथॉन कार्यक्रम बहुत ही शानदार रहा। हर कोई खुशी से झूम रहा था। एक भरोसेमंद रियल-एस्टेट ब्रांड होने के नाते, हम हमेशा अपने प्रोजेक्ट्स में कला का समावेश करते हैं। हम चाहते हैं कि लोग हमारे बनाए घरों में अपने आपको रंगों की जीवंतता से घिरा हुआ महसूस करें।

कोलोरोथन फाउंडेशन के संस्थापक अहमद शरीफ ने बताया, “कोलोरोथन फेस्टिवल अब अपने 10वें साल में है और ये भारत का सबसे बड़ा ओपन-एयर आर्ट प्लेटफॉर्म है। यह एक एक अनोखा फेस्टिवल है जो कई शहरों में आयोजित होता है। हर उम्र और हर क्षेत्र के लोग इसमें एकत्र होते हैं और पूरे देश में कला और रंगों का जश्न मनाते हैं।”

भारत के ड्रोन मैन मिलिंद राज ने कहा, “एक खाली कागज के टुकड़े पर विज्ञान, तकनीक, रचनात्मकता और कल्पना का बेहतरीन मेल होता है और यह मेल कला, नई खोज और रचनात्मकता का सबसे शानदार रूप बनाते हैं।”

कलरथॉन फाउंडेशन के सह-संस्थापक शम्स वारसी ने बताया, “कलरथॉन, जीवन के रंगों में डूबने और खुशियों का जश्न मनाने का एक अनोखा आयोजन था। यह एक ऐसा मंच था जहाँ स्थापित कलाकारों से लेकर नवोदित प्रतिभाओं तक और कला उत्साही लोगों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया और इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया।”

नगर आयुक्त के बेटों ने भी दिखाई प्रतिभा

लखनऊ शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने में बखूबी जिम्मेदारी निभा रहे नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह रविवार को कुछ अलग अंदाज में दिखे। अपने पुत्रों अंगद व अनहस के साथ वह सुबह ही लोहिया पार्क पहुँच गए थे। उनके दोनों पुत्रों ने अपनी चित्रकारी का अदभुत प्रदर्शन किया। इस दौरान नगर आयुक्त अपने पुत्रों के साथ ही वहां मौजूद अन्य बच्चों का उत्साहवर्धन करते रहे, जिसकी सभी ने सराहना की।

एक वर्षीय मासूम ने की चित्रकारी तो 53 वर्ष बाद सूरजपाल ने भी बिखेरे रंग

फाल्गुन माह में एक ओर जहां रंगोत्सव के त्योहार होली की तैयारियां शुरू हो गई हैं वहीं इस आयोजन में रंगों की अद्भुत छटा देखने को मिली। एक ओर जहां एक वर्षीय बालक ध्रुविक ने कागज पर अपनी मासूम भरी चित्रकारी दिखाई वहीं पोस्टल विभाग से सेवानिवृत्त 68 वर्षीय सूरज पाल शाक्य ने 53 वर्षों बाद चित्रकारी की। अपने दो नातियों व दामाद के साथ आये सूरजपाल ने बताया कि वर्ष 1971 में अंतिम बार उन्होंने उस वक्त चित्रकारी की थी जब वह कक्षा-8 के छात्र थे। आज जब वह कार्यक्रम में पहुंचे तो वहां का अदभुत दृश्य देख उनके अंदर की कला जाग उठी और उन्होंने राष्ट्रीय एकता को दर्शाता चित्र कागज पर उकेरा। सूरज पाल के दामाद डा. निर्मल सिंह, नाती अभिनव सिंह (9वर्ष) व अनिरुद्ध सिंह (5वर्ष) ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया।

वहीं अपनी माँ ALZA के साथ पहुँची कक्षा 3 की छात्रा 9वर्षीय न्यासा ने अपने विचारों को कागज पर उकेरा तो उसके एक वर्षीय भाई ध्रुविक ने कागज पर अपनी मासूम भरी चित्रकारी कर सभी को आश्चर्य चकित कर दिया। माँ ALZA ने बताया कि ध्रुविक ने पहली बार पेंसिल पकड़ी और कागज पर अपने अंदाज में चित्रकारी की।