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पुस्तकों के संसार का आगाज, सतरंगे होंगे साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजन

रवीन्द्रालय चारबाग में किताबों का मेला प्रारम्भ

किताबों से सीखा जिंदगी भर काम आयेगा : महेश कुमार गुप्ता

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ‘किताबें पढ़ने से सीखा जीवंत पयंत काम आता है। पढ़ने की आदत कभी न छोड़ें।’ नसीहत भरे ये उद्गार लखनऊ पुस्तक मेले का गम्भीरता से अवलोकन करने के बाद अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने व्यक्त किये। रवीन्द्रालय चारबाग लान के वाटरप्रूफ पाण्डाल में रिमझिम बारिश और बदली भरे मौसम में 10 मार्च तक चलने वाला लखनऊ पुस्तक मेला शनिवार से प्रारम्भ हो गया। साथ ही पुस्तक मेले की थीम साहित्य कला संस्कृति के हिसाब से निःशुल्क प्रवेश वाले मेले में आज से ही साहित्यिक, अध्यात्मिक और सांस्कृतिक समारोह का भी आगाज हो गया। 

अपर मुख्य सचिव ने मेले के इस संस्करण को एक यादगार अनुभव बताते हुये कहा कि युवा पीढ़ी आज अखबार और किताबें केवल मतलब भर से पढ़ती है, आदत नहीं बना रही, आदत बनेगी तो पढ़ने का संस्कार अगली पीढ़ी भी हस्तांतरित होगा। इससे पहले ज्योति किरन के संचालन में चले समारोह में आयोजक मनोज सिंह चंदेल ने पुस्तक मेले की लगभग ढाई दशक की यात्रा करते हुए बताया कि हमारा प्रयास रहता है, हर बार देश भर से नये-नये प्रकाशकों को बुलायें। 

मेले में आने वाले सरकारी प्रतिष्ठानों में प्रमुख प्रतिभागियों में प्रकाशन विभाग भारत सरकार, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, नेशनल काउंसिल फार प्रमोशन आफ उर्दू लैंग्वेज नई दिल्ली, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया कोलकाता हैं। इसके अलावा सस्ता साहित्य मण्डल नई दिल्ली, अहा गुरु एजुकेशनल टेक्नोलॉजी चेन्नई, निखिल पब्लिशर्स आगरा, बोधरस प्रकाशन, दलित साहित्य केंद्र, श्रीरामकृष्ण मिशन, योगदा सत्संग ध्यान केन्द्र, हिन्दी वांगमय, पद्म बुक कंपनी, याशिका एंटरप्राइज़, जय बुक्स मुंबई, ऋषभ बुक्स, रितेश बुक कंपनी, आर्यन बुक सेलर्स, एंजेल बुक हाउस रायपुर, भारतीय कला प्रकाशन, मुक्ता बुक एजेंसी, सुभाष बुक स्टोर, तिरुमाला सॉफ्टवेयर, मेहता बुक्स पटना, यूनिवर्सल बुक स्टोर मिला कर लगभग अस्सी स्टालों से लखनऊ पुस्तक मेला सजेगा।

साहित्य कला संस्कृति को समर्पित मेले में मंच पर पुस्तक विमोचन, साहित्य चर्चा, काव्य पाठ, कहानी वाचन, सहित बच्चों एवम युवाओं के कार्यक्रम भी आकर्षण का केंद्र होंगे। मेला निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि मेले में स्थानीय लेखकों की पुस्तकों के लिए भी एक स्टाल है। प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी रहने वाले और एकदम फ्री इण्ट्री वाले इस मेले में जहां इस पुस्तक मेले में किताबों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत तक छूट हर खरीदार को मिलेगी वहीं पुस्तक प्रेमियों को बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा। मेले में पार्किंग की समुचित व्यवस्था रहेगी। 

मंच के कार्यक्रमों की शुरुआत कादम्बिनी क्लब की महिलाओं की भाव भरी साहित्यक प्रस्तुतियों से हुयी। सुरभि कल्चरल ग्रुप ने शैलेंद्र सक्सेना के संयोजन, देवेंद्र सिंह यादव जीतू व पायल सोनी जैसे अतिथियों की मौजूदगी, डा. मालती राय शर्मा की अध्यक्षता में रुद्राक्ष सिंह, अर्चना, जया सिंह, विदुषी शुक्ला, अनाया गौतम, गुनगुन कौर, शिक्षा अग्रवाल, क्रिस्टल आदि ने मोहक प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर धुन बंजारा के बसंत बहार फागोत्सव में अध्यक्ष मंजू श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना पढ़ी। विमल पंत, पद्मा गिडवानी ने गीत गाये। कार्यक्रम में महिला विद्वानों के सम्मान और काव्यपाठ हुआ। साथ ही यूपिका तिवारी, अलका चतुर्वेदी, सुमित सेन की सूफी नृत्य, कवि मुकेशानंद की बसंत पर कविता, डॉ. अनिता श्रीवास्तव, प्रतिभा बाल्यान, दीप्ति सिंह, मोनिका, अनुकृति, रिया की मनमोहक प्रस्तुतियां हुईं।

फोर्स वन बुक्स के साथ किरन फाउण्डेशन, ओरिजिन्स, ट्रेड मित्र और ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन आदि के सहयोग से हो रहे मेले के बारे में यूपी त्रिपाठी ने बताया कि ‘विश्वम महोत्सव’ के अन्तर्गत विद्यार्थियों को पुस्तकों के प्रति लगाव पैदा करने के मकसद से शहर भर के अनेक स्कूल-कालेजों के विद्यार्थियों को मेले में आमंत्रित किया जा रहा है। यहां उनके विभिन्न कार्यक्रम होंगे और प्रतियोगिताएं चलेंगी। 

03 मार्च के कार्यक्रम

पूर्वाह्न 11ः00 बजे  युवाओं के कार्यक्रम

दोपहर 12ः30 बजे  डा.रुचि श्रीवास्तव की 3 पुस्तकों का लोकार्पण

अपराह्न 2ः00 बजे  कार्यक्रम वैदेही वेल्फेयर फाउण्डेशन 

अपराह्न 3ः30 बजे पुस्तक लोकार्पण- संजीव जायसवाल संजय 

शाम 5ः00 बजे  पुस्तक लोकार्पण- निखिल प्रकाशन

शाम 6ः30 बजे रेवांत पत्रिका का कार्यक्रम