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जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट : दो दिवसीय 18वें राष्ट्रीय आईआईसी सम्मेलन का आगाज

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उद्योग 5.0 से जुड़े अवसर और चुनौतियों पर प्रकाश डालने और उजागर करने के उद्देश्य से शुक्रवार को जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में दो दिवसीय 18वां राष्ट्रीय आईआईसी सम्मेलन शुरू हुआ। परस्पर निर्भरता, एकीकरण और सह-निर्माण (आईआईसी) 2024 संस्करण का विषय “उद्योग 5.0: अवसर और चुनौतियाँ” है। 

आईआईसी कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य उद्योग 5.0 से जुड़े विभिन्न अवसर और चुनौतियों पर जयपुरिया लखनऊ के छात्रों को वैश्विक उद्योग विशेषज्ञो द्वारा अंतर्दृष्टि प्रदान करना, संवाद को बढ़ावा देना, नवीन समाधानों, स्थिरता के लिए अवसरों, सेवाओं में नवप्रवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियाँ, सतत विकास के लिए विनिर्माण का भविष्य आदि है।  

कॉन्फ्रेंस के पहले दिन शुक्रवार को जयपुरिया लखनऊ के छात्रों के लिए मानव संसाधन उत्कृष्टता, वित्तीय अंतर्दृष्टि में महारत हासिल करने और विपणन सफलता को बढ़ाने पर तीन अनूठी कार्यशालाएं आयोजित की गईं। आईआईसी सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न अकादमिक विचारकों, उद्योग विशेषज्ञों, प्रबंधन पेशेवरों, नीति निर्माताओं और विभिन्न संगठनों, प्रसिद्ध वक्ताओं के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा।

बीएनवाई मेलन की वरिष्ठ निदेशक सुशीला कपूर 18वें आईआईसी सम्मेलन की मुख्य अतिथि थीं। भास्कर रमेश (निदेशक-गूगल इंडिया), और तरूण मलिक (सह-संस्थापक, ज़ैस्टैक इंटेलिज़ेंस) पहले दिन के मुख्य वक्ता थे।

18वें आईआईसी सम्मेलन की मुख्य अतिथि तथा बीएनवाई मेलन की वरिष्ठ निदेशक सुशीला कपूर ने कहा ” मैं कुछ उद्योग प्रवृत्तियों के वित्तीय पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करूंगी जो हम वर्तमान में कुछ देशों की विश्व अर्थव्यवस्थाओं में देखते हैं। उन्होंने आधिकारिक तौर पर मंदी की घोषणा कर दी है, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका उनमें से कुछ हैं, इस साल खपत वास्तव में बढ़ गई है। हमें उम्मीद है कि अमेरिका में परिसंपत्ति दरों में कमी लाई जाएगी। इसलिए, अधिकांश बैंक अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे और अपनी शुल्क-आधारित परीक्षा बढ़ाएंगे क्योंकि यह पिछले वर्षों की तुलना में अधिक होने की संभावना नहीं है।

जो संगठन प्रतिस्पर्धी बने रहना चाहते हैं, उनके लिए नवीनतम तकनीक पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ निवेश करना भी जरूरी है। जैसे-जैसे नई प्रौद्योगिकियां सामने आ रही हैं, प्रासंगिक बने रहना और आगे बने रहना महत्वपूर्ण है। आज की नई चुनौतियाँ हमारे लिए आगे बढ़ने और विकसित होने के अधिक अवसरों की पहचान करने का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।

हमें तीन चीजें स्थिरता, बाजार की गतिशीलता और उभरती प्रौद्योगिकियां पर ध्यान देना चाहिए। स्थायी वित्त सिद्धांतों तथा बदलते बाजार परिवेश को अपनाकर और उभरती प्रौद्योगिकियों की शक्ति का उपयोग करके, बैंक विकास को गति दे सकते हैं। वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे सकते हैं और अधिक टिकाऊ और लचीली अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकते हैं।”

“जब इंटरनेट नवाचार ने गति पकड़ी तो हमने आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण के बड़े पैमाने पर अनुकूलन की व्यापक संभावनाएं देखीं। ग्राहकों और चैनल भागीदारों के साथ मूल्य सह-निर्माण की गुंजाइश तलाशने पर विभिन्न संभावनाएं बनी। इंडस्ट्री 5.0 एक अलग दृष्टिकोण के साथ नवाचार के लिए एक नया दायरा खोलता है और यहां चुनौतियां कई गुना हैं।

जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की डायरेक्टर डॉ. कविता पाठक ने कहा कि “आज के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में, उद्योग 5.0 की अवधारणा तकनीकी नवाचार और औद्योगिक क्रांति में सबसे आगे है। यह अधिक कुशल, टिकाऊ और समावेशी औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और रोबोटिक्स जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ मानव बुद्धि के एकीकरण की दिशा में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है। तीव्र तकनीकी प्रगति और वैश्वीकरण के इस युग में, औद्योगिक परिदृश्य लगातार विकसित हो रहा है। उद्योग 5.0 के माध्यम से नवाचार, स्थिरता और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण उद्योगों के भविष्य को आकार दिया जा सकता है।” डॉ. पाठक ने जयपुरिया लखनऊ के छात्रों को उद्योग 5.0 को सही आकार देने के लिए तकनीकी रूप से उन्नत बनने, सामाजिक रूप से जिम्मेदार और नैतिक रूप से संचालित होने के लिए प्रेरित किया। 

तरुण मलिक (सह-संस्थापक, ज़ेस्टैक इंटेलिजेंस) ने कहाकि “डेटा का उपयोग और विश्लेषण करने के तरीके के बारे में लोगों को देखने पर प्रतिनिधित्व के कई महत्वपूर्ण पहलुओं का पता चलता है। आप या तो निर्माण कर रहे हैं या आप कुछ बेच रहे हैं या सेट कर रहे हैं। जब चैट जीपीटी उद्योग में आया, एआई हरकत में आया। डाटा ही एआई या एनालिटिक्स की नयी मुद्रा है। बिजनेस मॉडल परिवर्तन एक नई तकनीक है जिसमें विभिन्न संगठन मंथन कर रहे हैं, जहां लोग खुद को और हमारे बीच हो रहे बदलाव को बेहतर बना रहे हैं। इसलिए हमने लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए एक साक्षात्कार क्लब बनाया है कि कैसे आगे बढ़ना है पावरपॉइंट में कोच सुविधा की तरह, एआई का उपयोग करके हम उन्हें साक्षात्कार कर रहे हैं।”

आईआईसी सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को विशेषज्ञों द्वारा पैनल चर्चा होगी। सेतु शाह (ओरेकल में निदेशक-उत्पाद रणनीति), मिलिंद राज (सह-संस्थापक, रोबोज़डॉटिन टेक इनोवेशन), मॉस एडम्स इंडिया के प्रोग्राम इनेबलमेंट एंड ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिस के प्रमुख सौरभ द्विवेदी सम्मेलन के दूसरे दिन के स्पीकर्स होंगे। वे सेवाओं में उभरती प्रौद्योगिकियों में नवाचार के बारे में जानकारी देंगे।

जयपुरिया लखनऊ पूर्व छात्र (1995-1997 बैच) पवन पांडे (सीटीओ, मेटावर्क दुबई), कौसिक मैती (निदेशक (प्रौद्योगिकी परामर्श)-पीडब्ल्यूसी इंडिया), विकास खन्ना (चेयरमैन- इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) और मोनिश सल्होत्रा (मुख्य नवाचार अधिकारी) नॉइज़ सतत विकास के लिए विनिर्माण के भविष्य पर चर्चा के प्रतिष्ठित पैनलिस्ट होंगे।

माइकल राडा (संस्थापक, आईबीसीएसडी लैब कंपनी, उद्योग 5.0 संस्थापक) और श्री मयंक सिसोदिया (संस्थापक, द ऑनेस्ट होम कंपनी, शार्क टैंक फंडेड इको-वॉरियर और जयपुरिया लखनऊ एलुमनस 2010), 18वें आईआईसी सम्मेलन के दूसरे दिन फीचर वक्ता होंगे।

माइकल राडा को ‘उद्योग 5.0’ का संस्थापक कहा जाता है, वहीँ जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ के पूर्व छात्र और हाल में शार्क टैंक इंडिया कार्यक्रम में फंडेड आंत्रेप्रेन्योर मयंक सिसोदिया भी कार्यक्रम के दूसरे दिन भाग लेंगे। इसलिए छात्रों में उनसे मिलने का विशेष उत्साह देखा गया। सम्मेलन के दूसरे दिन जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट लखनऊ के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन भी शामिल होगा। सम्मेलन विषय के दृष्टिकोण और आदर्शों का उदाहरण प्रस्तुत करने वाले उत्कृष्ट संस्थानों, संगठनों, व्यक्तियों और छात्रों को जयपुरिया लखनऊ आईआईसी कैटेलिस्ट अवार्ड द्वारा प्रत्येक वर्ष सम्मानित करता है। जयपुरिया लखनऊ उद्योग 5.0 का नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों और व्यवसायों को प्रतिष्ठित आईआईसी कैट पुरस्कार प्रदान करेगा।