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500 वर्षों के इतिहास की निष्पक्ष खोज “द बैटल ऑफ अयोध्या” डॉक्यूमेंट्री सीरीज हुई लॉन्च

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही, भारत में एक नए युग की शुरुआत हो रही है। इस ऐतिहासिक क्षण तक पहुंचने में भारत को सदियों तक भाव विह्वल कर देने वाली भावनाओं, संघर्षों और तनाव से होकर गुजरना पड़ा है। आने वाली पीढ़ियों के लिए इन सभी को निष्पक्ष तरीके से “द बैटल ऑफ अयोध्या” डॉक्यूमेंट्री सीरीज में बखूबी सिलसिलेवार संजोया गया है। यह डॉक्यूमेंट्री सीरीज शनिवार को लॉन्च हुई।

द बैटल ऑफ अयोध्या डॉक्यूमेंट्री सीरीज बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि के 500 वर्षों के इतिहास को तथ्यों और तर्कों के आधार पर प्रस्तुत करती है। यह डॉक्यूमेंट्री सभी पक्षों को एक साथ लेकर चलती है और कहीं भी तथ्यों और सत्य से समझौता नहीं करती।

डॉक्यूमेंट्री अयोध्या विवाद के तमाम पहलुओं को सामने लाती है, लेकिन कहीं भी यह एहसास नहीं होने देती कि इतिहास के झरोखे में किसी के साथ कोई भेदभाव हो रहा है। यह डॉक्यूमेंट्री आज की नई पीढ़ी को राम जन्मभूमि मंदिर के इतिहास के बारे में बताती है और पुरानी पीढ़ी को उन दिनों की यादों में ले जाती है जब राम मंदिर आंदोलन चल रहा था। डॉक्यूमेंट्री आने वाले युग के लिए भी एक दस्तावेज की तरह है कि जब इस विवाद पर कोई पन्ना पलटना चाहेगा, इसे देखकर वह राम मंदिर के इतिहास को जान सकेगा।

इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज में जो खास बात देखने को मिलेगी, वह यह है कि डॉक्यूमेंट्री हर पक्ष को बड़ी निष्पक्षता के साथ दर्शकों के सामने रखती है। इस डॉक्यूमेंट्री में रविशंकर प्रसाद (पूर्व केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री), विनय कटियार (बजरंग दल के संस्थापक और पूर्व सांसद), राहुल श्रीवास्तव (पत्रकार एवं टिप्पणीकार), रंजना अग्निहोत्री (वकील, अखिल भारतीय श्री राम जन्मभूमि पुर्नुद्धार समिति), ब्रजेश शुक्ला (वरिष्ठ पत्रकार), केके मुहम्मद (पुरातत्वविद्, एएसआई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक), बीआर मणि (एएसआई के पूर्व एडीजी, तत्कालीन उत्खनन प्रमुख), इकबाल अंसारी (मुख्य वादी हाशिम अंसारी के पुत्र), आचार्य सत्येन्द्र दास (राम मंदिर, अयोध्या के मुख्य पुजारी), महंत दिनेंद्र दास (निर्मोही अखाड़े के प्रमुख), आईबी सिंह (वकील, तत्कालीन डीएम, अयोध्या) व कई अन्य सरकारी अधिकारियों ने राम मंदिर आंदोलन, मुकदमें और निर्माण से जुड़े अपने- अपने संस्मरण व पक्ष प्रस्तुत किए हैं।

द बैटल ऑफ अयोध्या का निर्देशन कुशल श्रीवास्तव ने किया है। वे एक अनुभवी डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार हैं जिन्होंने कई महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई हैं। डॉक्यूमेंट्री के निर्माता सरित अग्रवाल हैं। वे एक सफल व्यवसायी हैं जो सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में सक्रिय हैं। डॉक्यूमेंट्री के सह-निर्माता मशहूर कॉमेडियन स्वर्गीय राजू श्रीवास्तव की पत्नी शिखा राजू श्रीवास्तव हैं। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता के प्रचार में सक्रिय हैं। डॉक्यूमेंट्री की क्रिएटिव डायरेक्टर स्वर्गीय राजू श्रीवास्तव की बेटी अन्तरा श्रीवास्तव हैं। वे एक युवा और प्रतिभाशाली निर्देशक हैं। इस सीरीज के एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर राहुल कपूर हैं। 

कुशल श्रीवास्तव एक भूतपूर्व वायु योद्धा हैं, जिन्होंने वायुसेना में सेवा देने के बाद फिल्म निर्माण में अपना करियर शुरू किया। उनकी पहली फिल्म “वोदका डायरीज़” ने उन्हें सफलता दिलाई। उनकी लघु फिल्में भी प्रशंसित हुईं। उन्हें 2022 में यूपी रतन सम्मान से सम्मानित किया गया। उनकी डॉक्यूमेंट्री “द बैटल ऑफ अयोध्या” अयोध्या के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। उनकी शॉर्ट फिल्म्स”द जॉब” और “लव बर्ड्स” को फिल्मफेयर में नॉमिनेट किया गया, जो उनके अपने काम के प्रति समर्पण का प्रमाण है।वर्ष 2022 में श्रीवास्तव को केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के हाथों से यूपी रतन सम्मान प्राप्त हुआ। यह उनके शानदार काम और सिनेमा जगत में लगातार योगदन का प्रतीक है।