Saturday , November 23 2024

उत्तरायणी कौथिंग : सर्द हवाओं के बीच गोमा तट पर गूंजा ‘‘गुलाबी सरारा…” व “तेरो लंहगा …’’

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पर्वतीय महापरिषद द्वारा गोमा तट पर स्थित गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में आयोजित 10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिंग -2024 में कड़ाके की ठंड के बावजूद भीड़ उमड़ रही है। एक ओर जहां स्टालों पर पहाड़ी उत्पाद लोगों को भा रहे हैं वहीं सांस्कृतिक मंच पर कलाकार पर्वतीय छटा बिखेर रहे हैं। सातवें दिन शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि मौजूद सत्य नारायण साबत (डीजी पुलिस/आईजी लखनऊ कारागार) का स्वागत पर्वतीय महापरिषद के मुख्य संयोजक टीएस मनराल, संयोजक केएन चन्दोला ने पुष्पगुच्छ और अध्यक्ष गणेश चन्द जोशी व महासचिव महेन्द्र सिह रावत ने प्रतीक चिन्ह देकर किया। मुख्य अतिथि ने इस वर्ष उत्तरायणी गोपाल उपाध्याय साहित्य सम्मान मनमोहन बाराकोटी (साहित्यकार एवं व्यंगकार) को प्रदान किया गया।

उत्तरायणी कौथिंग का प्रारम्भ प्रतिदिन प्रातः भगवान बागनाथ जी आरती के साथ होता है। कौथिंग के सातवें दिन प्रथम स़त्र में 4 झोड़ा दलो की प्रस्तुतियां हुई। चंचल सिह बोरा के नेतृत्व में जौहार सांस्कृतिक संगठन विकास नगर के झोड़ा ने “लस्का कमर सरपंच चेली धना…, दीपा कालाकोटी के नेतृत्व में भरत नगर-प्रीति नगर सीतापुर रोड के झोड़ा ने “नेनूवा खंघी टुटेली दीपा…, राधा बोरा के नेतृत्व में कल्याणपुर के झोड़ा ने “तू नी जा मेता…”, उत्तराखण्ड जनकल्याण समिति विकास नगर के झोड़ा ने “मै किले बिवाई बाज्यू….” पर नृत्य की धमाकेदार प्रस्तुति दी। जिसका संचालन गोविन्द बोरा ने किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में झूमिगों सीजन -2 छपेली पारंपरिक लोक नृत्य, दूसरे राउंड में गोमती नगर विजय खण्ड बलवंत वांणगी के निर्देशन में, कुर्मांचल नगर के दल ने नीलम जोशी के निर्देशन में, निलमथा के दल ने पिंकी नौटियाल के निर्देशन में अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी। जिसका संचालन सुन्दर पाल सिह बिष्ट ने किया।

उत्तराखण्ड का प्रथम डिजिटल एफ एम रेडियो चैनल ‘‘ओहो रेडियो’’ के निर्देशक आरजे काव्य ने लखनऊ के निवासियों से उत्तरायणी कौथिग में उपस्थित होने और डिजिटल रेडियो से जुडने का आहवान किया।  

सांयकालीन सत्र में उत्तराखण्ड भवाली से आए लोकगायक अमित बाबू गोस्वामी व चन्दकला देवपा की एकल गीत प्रस्तुतियां हुई। उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्व लोक गायक इन्दर आर्या ने ‘‘गुलाबी सरारा…” व “तेरो लंहगा…’’ गीत सुनाकर सर्द हवाओं में गर्मी का एहसास कराया। वहीं उत्तराखण्ड के लोकगायक चन्द्र प्रकाश के छपेली गीत ‘‘तिलगा तेरी लम्बी लटि… व गोरख्या चेली भागुली… में महिलाओं ने जमकर नृत्य किया।  साथ ही राकेश खनवाल के गीत ‘‘क्रीम पौडरा… व हिमुली हाथ ले घड़ी चैनला… गीत की एकल प्रस्तुति ने उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया।