लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। किडनी फेल, लिवर फेल, कैंसर और हार्ट प्रॉब्लम का सफल इलाज आयुर्वेद से पूरी तरह संभव है। यह कहना है हिम्स आयुर्वेद के संस्थापक आचार्य मनीष का। आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए वह निरंतर सक्रिय हैं और लोगों को अपनी पुरानी विरासत से जागरूक कर निरोग काया का मंत्र दे रहे है। हिम्स लखनऊ में बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि हिम्स में शरीर की अंदरूनी शक्ति बढ़ाकर किडनी, कैंसर, लिवर, शुगर, बीपी और दिल के रोगों को रिवर्स करने पर जोर दिया जाता है।
हिम्स के डॉ. अभिषेक शिवहरे ने कहा, “विभिन्न अस्पतालों में बहुत समय और पैसा खर्च करने के बाद विभिन्न डायलिसिस रोगी हमारे अस्पताल में आते हैं। हिम्स में हमारी टीम उन्हें आवश्यक उपचार प्रदान करने के लिए अथक प्रयास करती है और हमने अपने कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों को कुछ महीनों के भीतर ही पूरी तरह से ठीक किया है।”
योग और मेडिटेशन गुरु और हिम्स के संस्थापक आचार्य मनीष ने कहा, “हिम्स में, हमारा लक्ष्य किसी भी बीमारी के मूल कारण का पता लगाना है। इसके लिए हम विशेष तौर पर इंटीग्रेटेड विज्ञान का इस्तेमाल करके किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी का इलाज कर सकते है। न जाने कितने ही किडनी, लीवर, हार्ट और कैंसर के मरीजों के लिए हमारा आयुर्वेदिक इलाज उनके जीवन में आशा की किरण बनकर आया है। हमारे पास कई ऐसे मरीज भी आये है जो कि ठीक होने की उम्मीद पूरी तरह से खो चुके थे परन्तु आज बिल्कुल स्वस्थ है।”
हिम्स में आयुर्वेद, एलोपैथी, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी आदि जैसे विज्ञानों का उपयोग करके रोगों का इलाज किया जाता है। यहां बाजरा और जड़ी-बूटियों से बना भोजन रोगियों को उनके सही इलाज और स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रदान किया जाता है। हिम्स पोस्ट्यूरल थेरेपी का उपयोग भी करता है जो डायलिसिस को 70% तक रोक सकता है। इससे 100% हाई बीपी के रोगी बिना किसी दवा के तुरंत अपना बीपी नियंत्रित कर सकते हैं। यह गौर करने वाली बात है की हिम्स में मरीज़ SBI कैशलेस AAROGYA संजीवनी पालिसी के माध्यम से मुफ्त इलाज भी पा सकते है।
आज देश भर में सौ से अधिक शुद्धि क्लीनिक मरीजों का इलाज कर रहे हैं। हिम्स में डॉ. अमर सिंह आजाद, डॉ. खादर वल्ली, डॉ. पांडे और डॉ. बीआरसी जैसे विशेषज्ञों की देखरेख और नेतृत्व में पुरानी से पुरानी बीमारियों का इलाज किया जा रहा है।