लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग सतही स्तर पर सामाजिक आर्थिक विकास के साथ स्वरोजगार और कौशल विकास के अवसर पैदा करने की अपनी निहित क्षमताओं के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार के निर्धारित रोडमैप के अनुरूप राज्य को वर्ष 2027 तक एक खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान करने के लिये तैयार है।
देश् में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग क्षेत्र की कम्पनियों की शीर्ष संस्था इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) ने बुधवार को यहां आयोजित एक समारोह में यह घोषणा की। एसोसिएशन ने कहाकि यह उद्योग विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, व्यक्तियों, स्थानीय कारीगरों और छोटे कारोबारियों को बिना बिचौलियों के उपभोक्ताओं से सीधे जुड़ने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है जो राज्य सरकार के उक्त लक्ष्य की रूपरेखा के अनुरूप है।
आईडीएसए के अनुसार, वर्ष 2021-22 के आंकड़ों में आधार पर प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग 1926 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार के साथ उत्तरी राज्यों में लगातार शीर्ष स्थान पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के बाद तीसरे सबसे बड़े बाजार के पायदान पर है। उद्योग ने राज्य में 17.1 लाख से अधिक लोगों को स्वरोजगार और आजीविका के अवसर प्रदान किये हैं जिनमें 7.5 लाख से अधिक महिलाएं हैं।
आईडीएसए ने कहा कि राज्य में प्रत्यक्ष बिकी कारोबार आठ प्रतिशत से अधिक की सालाना विकास दर से बढ़ रहा है। इस आधार पर चालू वित्त वर्ष में इसके 2300 करोड़ रुपये को पार करने जाने के प्रबल आसार हैं। उद्योग जहां करों के माध्यम से राज्य के खजाने में लगभग 290 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान करता है वहीं जबकि 19,030 करोड़ रूपये के कुल राष्ट्रीय प्रत्यक्ष बिक्री में इसकी हिस्सेदारी 10% से अधिक है।
समारोह में उपस्थित उत्तर प्रदेश के उपभोक्ता मामलों के विभाग के मंत्री आशीष पटेल ने अपने सम्बोधन में देश और राज्य के विकास में उद्योग के सतत योगदान की सराहना की। उन्होंने उद्योग को राज्य में अपनी उत्पादन इकाईयां और भंडारण सुविधाएं स्थापित करने में अधिकाधिक निवेश के लिए आमंत्रित किया और राज्य सरकार की ओर से इसमें हरसम्भव सहयोग मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने आईडीएसए को यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम 2021 में परिकल्पित निगरानी समिति के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाएगी।
आईडीएसए के अध्यक्ष विवेक कटोच ने देश में प्रत्यक्ष बिक्री परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुये कहा “उत्तर प्रदेश प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के लिये प्रमुख और प्राथमिकता वाले बाजारों में से एक है। आठ प्रतिशत से अधिक की विकास दर स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि राज्य में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग नये आयाम छूने के लिये तेयार है और इसमें प्रत्यक्ष विक्रेताओं की अथक मेहनत की पुष्टि भी होती है“।
उन्होंने कहा कि इस उद्योग ने देश में लगभग 84 लाख लोगों के लिये स्थायी स्वरोजगार और सूक्ष्म उद्यमिता के अवसर प्रदान किये हैं और इसे गत चार वर्षों की अवधि में लगभग 13 प्रतिशत की औसतन सीएजीआर के साथ लगातार और निरंतर विकास किया है। आईडीएसए की 19 सदस्य कम्पनियां गर्व और आत्मविश्वास के साथ उपभोक्ता हितों के साथ राज्य में 17.1 लाख से अधिक प्रत्यक्ष विक्रेताओं के हितों की सफलतापूर्वक रक्षा करने का दावा कर सकती हैं“।
श्री कटोच के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने देश में प्रत्यक्ष बिक्री कम्पिनयों के परिचलन पर नियामक स्पष्टता लाने और उपभोक्ताओं के संरक्षण हेतु दिसम्बर 2021 में उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम 2021 अधिसूचित किये हैं। अब तक आठ राज्यों में इन नियमों में निहित प्रावधानों के अनुपालन में निगरानी समितियां (मॉनिटरिंग कमेटी) गठित की जा चुकी हैं तथा उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्य भी इसका अनुसरण करने की प्रक्रिया में हैं।
इस अवसर पर प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली लगभग 20 महिला उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आईडीएसए की कोषाध्यक्ष अपराजिता सरकार, वूमैन शाईन की संस्थापक अपर्णा मि्श्रा तथा अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे।