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लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव : अवधी लोकगीतों व नृत्य संग बही कविताओं की बयार

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट एवं प्रगति इवेंट के संयुक्त तत्वावधान में शहीद पथ स्थित अवध शिल्प ग्राम खुला क्षेत्र अवध विहार योजना में चल रहे लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव के सातवें दिन मंगलवार को अवधी लोकगीतों, नृत्य संग कविताओं की बयार बही।

सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ आन्दोलनकारी काव्य मंच द्वारा आयोजित काव्य पाठ में शशि नारायण त्रिपाठी की वाणी वंदना से हुआ। संजय मिश्र के संयोजन में हुए काव्य पाठ्य में अनिल शुक्ला, राम प्रकाश शुक्ल, कुमार आनन्द, आलोक सिंह सहित अन्य कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। काव्य पाठ्य का संचालन श्वेता शुक्ला व मधुकर अस्थाना ने किया और शरद मिश्र ने आभार व्यक्त किया।

सुर ताल संगम सांस्कृतिक संस्था की डॉ. जया श्रीवास्तव व साथी कलाकारों अविजित श्रीवास्तव, राजेन्द्र नाथ, वंदना श्रीवास्तव, गगन शुक्ला, अद्विका श्रीवास्तव, विनय श्रीवास्तव, जसबीर सिंह, अंशुमन दास ने अवधी लोकगीतों को सुनाकर श्रोताओं का मन मोहा। जया श्रीवास्तव के गाए अवधी लोकगीतों पर नृत्यांगना उन्नति श्री, अनन्या सिंह, गीतिका चौधरी ने भावपूर्ण अवधी लोकनृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीता।

पूजा विमल ने मेरे ख्वाबों में जो आए, अंकिता ने अजीब दास्ताँ है और उस्मान ने मुकेश के सदाबहार गीतों को सुनाकर अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरा। आंचल समाजोत्थान सेवा समिति की कृति ने आरती शुक्ला के निर्देशन में गणेश स्तुति प्रस्तुत की। इसी क्रम में अजिता, सममुक्ता, खुशी और शालिनी ने कथक विधा में सरगम की प्रस्तुति दी। 

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी पर संयुक्ता और अजिता, आरती शुक्ला ने मोरी गागरिया काहे फोड़ी, शालिनी और आरती ने राम सियाराम, सोनल तिवारी ने इतनी शक्ति हमें देना दाता और आव्या, अनिका, अधिराज, संयुक्ता ने आरंभ है प्रचंड है पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीत लिया।

शालिनी श्रीवास्तव के संयोजन में सेन्ट्रल अकादमी की छात्राओं आराध्या, आरोही, श्रव्या, जीविका, मिहिका, काव्या, सांची, यशस्वी, हुमयरा, इलाक्षी, आशी, अक्षेया और आन्वी ने रंगीलों महरो पर समूह नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।