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उत्तराखण्ड महोत्सव : अवध ड्रीम डांस एकेडमी के कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों संग दिखा संस्कृतियों का संगम

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। विभिन्न उत्पादों व खानपान के स्टॉल हो या सांस्कृतिक मंच, गोमा तट पर चल रहे उत्तराखंड महोत्सव में जहां हर ओर पहाड़ी छटा देखने को मिल रही है। वहीं छठे दिन रविवार को अवध ड्रीम डांस एकेडमी के कलाकारों ने न सिर्फ नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति से धमाल मचाया बल्कि द्वितीय व तृतीय स्थान भी हासिल किया। 6 वर्षीय शाम्भवी शुक्ला ने टीम के साथ लावणी नृत्य की मनमोहक छटा बिखेरी।

वहीं 9 समूह में कलाकारों ने पहाड़ी, राजस्थानी, गरबा, पंजाबी, देशभक्ति, कथक, मराठी नृत्य की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जिसमें बाल कलाकारों के साथ ही महिलाओं ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं बाल नृत्यांगना वागीशा पंत व अन्या मदार ने नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।

पं. गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में चल रहे उत्तराखण्ड महोत्सव के छठे दिन विभिन्न स्थानों से आये कलाकारों और स्थानीय कलाकारों के दलों ने गायन की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से धमाल मचाया। ऐसा लग रहा था कि अनेक संस्कृतियों का संगम गोमती तट पर हो रहा हो। यह समृद्ध संस्कृति, विरासत का महोत्सव है, लखनऊ में सबसे अपेक्षित सांस्कृतिक उत्सवों में से एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करने के लिए यह महोत्सव हर वर्ष 10 दिन के लिए आयोजित किया जाता है। यह आयोजन परंपरागत मूल्यों, कला, संगीत और खान-पान की अनूठी पहचान को प्रमोट करने के उद्देश्य से भी किया जाता है।

महोत्सव के मुख्य प्रायोजक भारतीय स्टेट बैंक के अरूण साहू (महाप्रबन्धक), आर. नटराजन (उपमहाप्रबन्धक), अन्य अधिकारियों एवं गोपाल सिंह भण्डारी (सेवानिवृत्त, स्टेट बैक ऑफ इण्डिया, सलाहकार उत्तराखण्ड महापरिषद) तथा महापरिषद के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उत्तराखण्ड महापरिषद के पदाधिकारियों ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया। 

उत्तराखंड महोत्सव में विभिन्न समुदायों समाज के लोगों को हीरक जयंती सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है। इसी क्रम में रविवार को अखिल विश्व गायत्री परिवार, लखनऊ के मुख्य ट्रस्टी मेजर विजय कुमार खरे, डा. एपी शुक्ला आदि को सम्मानित किया। महोत्सव में पहुंचे धर्मपाल सिंह (प्रदेश महामंत्री संगठन भाजपा) ने उत्तराखण्ड महोत्सव के पदाधिकारियो एवं कलाकारो को बधाई देते हुए आर्शीवचन दिये। 

मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह कनवाल ने बताया दीवान सिंह अधिकारी, गोविन्द बल्लभ फुलारा, अवधेश कोठारी, राजेश बिष्ट, प्रदीप चंद, सुरेश पाण्डेय, भुवन पटवाल, पूरन चन्द्र भदौला, विकास चन्द्र बौठियाल, जगदीश सिंह, भुवन पाठक, सुन्दर सिंह बिष्ट, जगत सिंह राणा, लक्ष्मण सिंह मर्तोलिया, सुरेन्द्र राजेश्वरी, मंगल सिंह रावत आदि पूर्ण लगन से महोत्सव को सफल बनाने में लगे हैं। ताकि दर्शकों, मेहमान कलाकारों एवं स्टाल दुकानदारों आदि को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

दोपहर में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में 10 प्रतियोगियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम दिया पटवाल, द्वितीय ओजस्वी, तृतीय मनस्वी सिंह रहीं। निबंध में मो. नसीम खान प्रतिभागी थे। एकल नृत्य में 12 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम श्री वर्मा, हरगुन चोपड़ा, कनिष्का सिंह रही। समूह नृत्य में 14 प्रतियोगियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम हार्ट एण्ड कल्चरल ग्रुप विकास नगर के गौरी द्विवेदी, समृद्धि ढौढियाल, द्वितीय द्रोपदी चीर हरण ग्रुप अवध डांस अकादमी हेमा मिश्रा के नेतृत्व में तथा तृतीय उत्तराखण्डी डांस, अवध डांस अकादमी का दल विजेता रहा। इन प्रतियोगिताओं में निर्णायकों की भूमिका में जगत सिंह राणा एवं उर्वशी जोशी रहें। यह प्रतियोगिताएँ महिला शाखा की अध्यक्ष पुष्पा वैष्णव, राजेश्वरी रावत, कमला चुफाल, सुनीता कनवाल, रेणु अधिकारी, लक्ष्मी जोशी, देवेश्वरी पवार की देखरेख में सम्पन्न हुई।  

छोलिया नृत्य में उधांचल कला केन्द्र, अल्मोडा ने विविध करतबों से भीड़ का ध्यानाकर्षण किया। अन्या मदार का क्लासिकल डांस ए गिरि नंदनी, वागीशा पंत का एकल नृत्य, प्रेरणा नेगी का कुमाऊँनी नृत्य, हिमानी वर्मा का नृत्य, तनीषा गैलाकोटी की नृत्य प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। श्रेया चित्रांशी और शिक्षा अग्रवाल नारी भक्ति गुरु शिष्य एक अनोखा संगम की विशेष प्रस्तुति तथा मंदाकिनी बहुगुणा, हरीतिमा पंत के नेतृत्व में लोक संस्कृति एवं समाज कल्याण समिति द्वारा उत्तराखंडी लोक नृत्य ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। पल्लवी प्रजापति के नेतृत्व में नृत्य फोलिक डांस एकेदमी द्वारा गणेश वन्दना की भक्तिमय प्रस्तुति दी गयी।

सांस्कृतिक सचिव महेन्द्र गैलाकोटी ने बताया कि उत्तराखंड महापरिषद की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने पर डांस उत्तराखंड डांस प्रतियोगिता में 12 दलों के 150 से भी ज्यादा कलाकार भाग ले रहे हैं। जो उत्तराखंड के गढ़वाल, कुमाऊं और जौनसार के 150 से भी ज्यादा गानों में सुंदर प्रस्तुति दे रहे है। इस प्रतियोगिता के प्रभारी पूरन सिंह जीना ने बताया कि प्रतियोगिता में 5 राउंड होने हैं। द्वितीय राउंड में महोत्सव के छठे दिन 4 टीमें  और तीसरे राउंड में भी महोत्सव के 8वे दिन फिर 4 टीमें एलिमिनेट हो जाएंगी। चौथे राउंड अर्थात महोत्सव के 9 वे दिन 4 टीमें पहुंचेंगी। एक वह टीम भी पहुंचेंगी जो एलिमिनेट हो गई है और यूट्यूब में जिसके हर राउंड में सबसे ज्यादा लाइक होंगी वह भी चौथे राउंड में पहुंच जाएगी। इस तरह 5 टीमें अंतिम पांचवे राउंड में पहुंचेंगी। प्रथम टीम को 51 हजार, दूसरी टीम को 41 हजार, तीसरी टीम को 31 हजार, चौथी टीम को 21 हजार और पांचवी टीम को 11 हजार की पुरुस्कार राशि प्राप्त करेगी। इसके अलावा हर राउंड में प्रत्येक टीम को सम्मान राशि प्रदान की जा रही है।

सांध्यकालीन कार्यक्रम में वाइस ऑफ उत्तराखण्ड के द्वितीय राउण्ड के चार प्रतिभागियों गोविन्द बोरा, मंजू पाण्डेय, दीपक सिंह परवाल तथा कु. प्राची सिंह रावत ने अपने लोक गायन से दर्शको को मंत्रमुग्ध किया। डांस उत्तराखण्ड डांस के चार दलों प्राची रावत के नेतृत्व में कुटुम्ब ग्रुप मायापुरी, चन्द्र भूषण अग्रवाल के नेतृत्व में डांस ग्रुप लखनऊ, महेन्द्र सिंह गैलाकोटी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड महापरिषद रंगमण्डल और मंजू पाण्डेय के नेतृत्व में संकल्प ग्रुप आलोक नगर ने रंगारंग प्रस्तुतियाँ देकर खूब तालियाँ बटोरी।

आरजे प्रतीक ग्रुप, रामेष्ठ बैण्ड की प्रस्तुति संस्कृति श्लोकों, हनुमान चालीसा आदि की प्रस्तुतियों से माहौल भक्तिमय कर दिया। संस्कृति विभाग उप्र लखनऊ के सहयोग से रमेश पाल के नेतृत्व में आये दल ने बुन्देलखण्डी दिवारी लोक नृत्य का सुन्दर मंचन कर अपनी संस्कृति से रूबरू कराया। इस नृत्य की उत्पत्ति द्वापर युग में भगवान कृष्ण के बाल्यकाल के समय हुई। इस नृत्य में पाई डण्ड का प्रयोग रंग बिरंगे वस्त्र पहन कर किया जाता है। भादौ से दिवाली तक किये जाने वाले उत्सवों में विशेष शैली के गीत गाकर दिवारी प्रस्तुत किया जाता है। उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आये फैजाबाद के कलाकारों ने फरवाही लोकनृत्य की सुन्दर प्रस्तुति दी।