Thursday , September 19 2024

सामूहिकतावादी दृष्टिकोण हैं कॉर्पोरेट कानून : एआर मसूदी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज लखनऊ विश्वविद्यालय ने कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, मुख्य संरक्षक एवं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर विनीता काचर (ओएसडी, आईएमएस, लखनऊ विश्वविद्यालय) के मार्गदर्शन में विश्वकर्मा सभागार में “स्थायी और नैतिक कॉर्पोरेट कानून” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, छात्रों द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलगीत गायन और प्रोफेसर विनीता काचर के स्वागत भाषण के साथ हुई। प्रोफ़ेसर विनीता काचर ने एनईपी शुरू करने और इस प्रकार शिक्षा प्रणाली और रेटिंग में सुधार करने वाला पहला राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थान बनने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस गतिशील कारोबारी माहौल में कॉर्पोरेट कानून नैतिक और टिकाऊ होने चाहिए। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय परिवार का स्वागत किया और लखनऊ विश्वविद्यालय को NAAC A++ का दर्जा, NIRF रेटिंग वाला पहला राज्य संस्थान और पूरे देश में अग्रणी होने की सराहना की। उन्होंने छात्रों को प्रतिबद्धता और क्षमता, कौशल विकसित करने का सुझाव दिया और कॉर्पोरेट में नैतिक और अनैतिक घटनाओं का उदाहरण दिया। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय, लखनऊ पीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश एआर मसूदी ने छात्रों को सुझाव दिया कि कॉर्पोरेट कानून सामूहिकतावादी दृष्टिकोण हैं, इसलिए विशेषज्ञता विकसित करें। प्रत्येक व्यक्ति को विशेषज्ञता विकसित करनी चाहिए ताकि सामूहिक रूप से समाज में योगदान दिया जा सके, समावेशी विकास की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनीष सिंह ने कहा कि प्रत्येक छात्र को टिकाऊ और नैतिक व्यवसाय प्राप्त करने के लिए समाज में मूल्यों को साझा करते हुए नैतिक रूप से कार्य करना चाहिए। इससे जोखिम कम होता है और लाभप्रदता बढ़ती है। व्यवसाय और नैतिकता का गहरा संबंध है। यह बहुत ही इंटरैक्टिव और प्रेरक सत्र था। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पल्लवी ठक्कर ने किया। उन्होंने छात्रों के सफल जीवन के लिए प्रेरणादायक विचार प्रस्तुत करने के लिए गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद दिया।