Wednesday , December 4 2024

पुस्तकों के संसार में किसी को भा रही यात्रा वृतान्त तो किसी को कहानियां

बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : दसवां दिन 

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। नेट और मोबाइल फोन वाले आज के आभासीय और आपाधापी भरे जीवन में ठहरी हुई चीजों का महत्व और बढ़ गया है। पुस्तक मेलों के साथ ही साहित्यिक आयोजन तो होते ही रहना चाहिए। बलरामपुर गार्डन में चल रहे 11 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों, लेखकों और स्टालधारकों की उत्साहित करने वाली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। 

ज्ञानकुम्भ थीम पर आधारित निःशुल्क प्रवेश वाले इस मेले में रविवार को रचनाकारों और अन्य हस्तियों का जहां सम्मान हुआ, वहीं काव्य के अलबेले स्वर भी गूंजते रहे। मेले को सार्थक वार्षिक आयोजन बताने वाले एएसआई के पूर्व महानिदेशक डा. राकेश तिवारी ने यात्राओं से सम्बंधित लद्दाख में रोग बिराग, अरुणाचल यात्रा, सभ्यता की यात्रा अंधेरों में जैसी किताबें खरीदीं। नील गुप्ता और प्रियांशी पाल ने शेक्सपीयर की 21 कहानियां, जयशंकर प्रसाद की कहानियां और वीनस इन फर्स्ट जैसी किताबें खरीदीं। डा. अनंत श्री चौधरी ने ट्रेजडी ऑफ उर्दू पोएट्री और पाकिस्तान की शायरी किताबें राजपाल के स्टाल से खरीदीं जबकि राधिका पंत ने व्यंजनों की दो किताबों के संग सत्यार्थ प्रकाश और शिवानी का उपन्यास खरीदा। देवेश ने मैनेजमेण्ट कम्पटीशन क्रैक करने करने वाली किताबें लीं। पुस्तक मेले में कल साहित्य रत्न से सम्मानित हुए रचनाकार पंकज प्रसून ने अपनी काव्यमय प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “हमारे शहर में हर साल एक अदभुत मेला लगता हैं, जहां समीक्षा आलोचना और विमर्शों ठेला लगता है। ज्ञान विज्ञान के सागर में गोते लगाए जाते हैं, साहित्य के चार ‘क’- लेखक पाठक आलोचक प्रकाशक, एक ही पांडाल के नीचे पाए जाते हैं।“ हिन्दी वांग्मय निधि के स्टाल पर लखनऊ पर प्रकाशित 45 पुस्तकों के संग स्थानीय लेखकों शिवानी चन्द्रा, रूपा सिंह, तमाचा लखनवी, शिशिर सिंह, हरीश कुमार, पद्मनाथ पाण्डेय, रचश्री, दीपक मेहरोत्रा गापल, डा. करुणा पाण्डे, शिखर जोशी आदि की पुस्तकें हैं। 

मेले में राजकमल, वाणी- भारतीय ज्ञानपीठ, राजपाल, दिव्यांश पब्लिकेशन, लोकभारती, प्रभात प्रकाशन, संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली, हिंद युग्म, सामायिक, सेतु, सम्यक, प्रकाशन संस्थान, प्रकाशन विभाग, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण विभाग, हिंदी संस्थान आदि के स्टाल प्रमुख हैं। इसके साथ ही जनगणना निदेशालय यूपी, राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद, उर्दू अकादमी दिल्ली, सस्ता साहित्य मंडल, गायत्री ज्ञान मंदिर, वैदिक साहित्य, उर्दू अकादमी नई दिल्ली, रामपुर रज़ा लाइब्रेरी पब्लिशर्स, एंजेल और कई अन्य प्रकाशकों के स्टाल हैं। 

मेला मंच पर आज अनन्या द्विवेदी व आद्या द्विवेदी ने गणेश पंच रत्नम पर युगल नृत्य प्रस्तुति दी। साथ ही इश्नवी पटेल, आद्या और किरण्या गुप्ता ने मनमोहिनी तेरी…, कृपालु भज मन… व मन मंदिर में सजे बिहारी पर नृत्य प्रस्तुति दी। सुबह विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट व निखिल प्रकाशन समूह द्वारा 108 रचनाकारों को सम्मानित किये जाने के साथ संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसी क्रम में एमिटी यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर अंशुमा दुबे और आयुषी गौड़ द्वारा संपादित तीन पुस्तकों- बिहेवियरल एडिक्शन : अ कम्प्रिहैन्सिव पर्सपेक्टिव, सोशल मीडिया : डिजिटल फुटप्रिण्ट्स आन मेण्टल हैल्थ और प्रोसेस एडिक्शन थ्रू क्लीनिकियन्स लेन्स का लोकार्पण प्रो. जफर जैदी व डा. कृष्ण दत्त ने किया। डा. अमिता दूबे के संचालन में चले कार्यक्रम में मनोवैज्ञानिक डा. नेहा श्रीवास्तव, डा. पूजा नहौर, डा. श्वेता सिंह ने विचार रखे। अतिथि प्रो. जफर जैदी और डा. कृष्णदत्त ने तीनों पुस्तकों को महत्वपूर्ण बताया। मेला आयोजकों और दि ट्रिब्यून की ओर से यहां एक्सीलेंस अवार्ड समारोह में अतिथियों आइपीएस रेनुका मिश्रा, प्रवीन द्विवेदी, आरके शरन, मो. सै. फौजान अख्तर के संग संयोजक केपी सिंह, मेला आयोजक मनोज सिंह चंदेल व आकर्षण जैन ने स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि सम्बंधित स्टार्टअप के लिए डा. मधु सिंह, डा. अभिजीत सिंह, डा. वीपी सिंह, डा. उपशम गोयल, डा. वेदप्रकाश, गौरव भारद्वाज, डा. नकुल सिन्हा, डा. अभिजित चन्द्रा व डा. अनामिका शुक्ला आदि को अलंकृत किया गया। 

राजकमल को ओर से राकेश मिश्रा की किताब कवि का शहर का विमोचन डा. हरिशंकर मिश्र व अखिलेश आदि रचनाकारों की उपस्थिति में हुआ। देर शाम ख्वाहिश फाउण्डेशन की ओर से पुस्तक लोकार्पण व संगोष्ठी का कार्यक्रम हुआ। केटी फाउण्डेशन और फोर्स वन बुक्स की ओर से आयोजित निःशुल्क प्रवेश वाले इस पुस्तक मेले के सहयोगी रेडियो सिटी, विजय स्टूडियो, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, बुबचिक, ऑरिजिंस, स्टार टेक्नोलॉजीज, रेट्रोबी, ऑप्टिकुंभ, मैगजीन पार्टनर्स सिटी एसेंस और ट्रेड मित्र हैं।

02 अक्टूबर के कार्यक्रम

11ः00 बजे – लक्ष्य साहित्यिक संस्थान की काव्य गोष्ठी 

02ः00 बजे – मानसरोवर साहित्य अकादमी का कार्यक्रम  

03ः30 बजे – आर्य समाज का वैदिक समारोह 

04ः30 बजे – आयोजकों की ओर से समापन सम्मान समारोह 

07ः30 बजे – भुशुण्डि साहित्य संस्थान की काव्य संध्या