लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। अग्निवीर बीए, बीकॉम में अग्निपथ स्कीम के अंतर्गत इग्नू में अपना आवेदन कर सकते हैं। डिफेंस इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण पूरा करने के उपरांत स्नातक की डिग्री हासिल कर सकते हैं। 60 क्रेडिट प्रशिक्षण के आधार पर होंगे व 60 क्रेडिट एकेडमी कोर्स के आधार पर पास करने होंगे। कुल 120 क्रेडिट होंगे। बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उक्त जानकारी लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र की वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशिक डॉ. मनोरमा सिंह ने दी। “विश्वविद्यालय द्वारा जनमानस के शैक्षणिक उत्थान हेतु की जा रही नवीनतम गतिविधियों” विषय पर एक पीआईबी कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से मनोज कुमार वर्मा (निदेशक, केन्द्रीय संचार ब्यूरो), डॉ. एमएस यादव (उपनिदेशक, पीआईबी), डॉ. मनोरमा सिंह (वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक) एवं डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह (सहायक क्षेत्रीय निदेशक, इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, लखनऊ) उपस्थित रहे।
वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशिक डॉ. मनोरमा सिंह ने बताया कि इग्नू उच्च शिक्षा में समानता, समावेशिता, गुणवत्ता, पहुंच और सामर्थ्य के अपने मिशन को पूरा करने के लिए पिछले 38 वर्षों से अपने क्षेत्रीय केन्द्रों की सहायता से कड़ी मेहनत कर रहा है, जो कि एनईपी – 2020 का भी जनादेश है। इसी प्रक्रिया में इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, लखनऊ अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इग्नू को आजीविका संवर्धन (संकल्प) के लिए कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता पहल के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक सहायक संस्थान के रूप में चुना गया है। विश्वविद्यालय का एक्सटेंशन सेन्टर जन शिक्षण संस्थानों एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्रों में खोला गया है, जिससे स्किल आधारित शिक्षा प्राप्त कर रहें अभ्यर्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर भी मिल सकें। विश्वविद्यालय “अग्निपथ” योजना के लाभार्थियों के तहत अग्निवीर नामक एक विशेष कौशल-आधारित स्नातक कार्यक्रम करेगा। यह कार्यक्रम रक्षा बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) की सेवा के लिए कौशल और सम्बन्धित ज्ञान को बढ़ाने के लिए स्नातक पाठ्यक्रम होंगे।
इग्नू ने भारतीय परम्परा और संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए ज्योतिष, लोकगीत और सांस्कृतिक अध्ययन, वैदिक अध्ययन, संस्कृत, हिन्दी और उर्दू के साथ-साथ चित्रकला और चित्रकारी में एमए सहित कई शैक्षिणक कार्यक्रम शुरू किए हैं। विश्वविद्यालय हमारे छात्रों को वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए फ्रेंच, स्पेनिश, अरबी, फारसी, रूर्सी, जर्मन, जापानी, और कोरियाई में भी पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है।
सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने बताया कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की ई-विद्याभारती नेटवर्क परियोजना के तहत 19 अफ्रीकी देशों के विद्यार्थियों को विभिन्न कार्यक्रम में प्रवेश प्रदान किया है। इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, लखनऊ, अफ्रीकी विद्यार्थियों को ग्रामीण विकास में परास्नातक पाठ्यक्रमों में ऑनलाईन परामर्श कक्षाएं प्रदान कर रहा है। उन्होनें बताया कि ई-ज्ञानकोष पोर्टल (एक राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी) के माध्यम से विश्वविद्यालय ने अपने सभी कार्यक्रमों की स्व-शिक्षण सामग्री (एसएलएम) को छात्रों के लिए उपलब्ध कराया है। ज्ञानवाणी (जीवी), एफएम शिक्षण रेडियों इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, लखनऊ में स्थित है, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों के लिए विभिन्न ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। विश्वविद्यालय डी.टी.एच. बेस्ड चैनल स्वयं प्रभा के राष्ट्रीय समन्वयकों में से एक है, जो विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में परामर्श कक्षाएं उपलब्ध करा रहा है। इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र हिन्दी भाषा में स्तानक स्तर के पाठ्यक्रमों की परामर्श कक्षाएं उपलब्ध करा रहा है। विश्वविद्यालय में नामांकन से सम्बन्धित अधिक जानकारी हेतु विश्वविद्यालय की वेबसाईट www.ignou.ac.in पर लॉगिन किया जा सकता है।
मनोज कुमार वर्मा (निदेशक, केन्द्रीय संचार ब्यूरो) ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रम यू.जी.सी. द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के अनुसार हैं। इग्न अपने पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को न केवल रोजगारपरक उच्च शिक्षा प्रदान करता अपितु भारतीय भाषाओं, कला और संस्कृति को भी बढ़ावा देता है। डॉ. एमएस यादव (उपनिदेशक पीआईबी) ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विश्व स्तरीय उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए आवश्यक पांच मूलभूत स्तंभों को सूचीबद्ध किया गया है। ये छात्र केन्द्रितता, अनुसंधान और संकाय, अंतर्राष्ट्रीयकरण और डिजिटल शिक्षा हैं। इग्नू सभी को शिक्षा प्रदान करने के लिए इन रणनीतिक स्तंभों के आधार पर काम कर रहा है।