लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। प्रेरणा विमर्श – 2023 के अंतर्गत प्रेरणा चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर का लोकार्पण रविवार को फिल्म सोसाइटी अवध चित्र साधना की ओर से किया गया। पोस्टर विमोचन के पश्चात कार्यक्रम में भारतीय चित्र साधना के संस्थापक सदस्य अरुण अरोड़ा ने फिल्म फेस्टिवल का विषय रखते हुए कहा कि सिनेमा और संस्कृति परस्पर रूप से जुड़े हुए हैं। यह साझी विरासत है जो दो धाराओं को आपस में बाँधती है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति के वैश्विक प्रसार एवं प्रचार के लिये सिनेमा एक सशक्त माध्यम है। क्योंकि भारतीय अस्मिता की झलकियाँ सिनेमा में मिलती हैं और भारतीय सिनेमा भारतीयता की अनूठी पहचान है। भारतीय पुरातन, ज्ञान, संस्कृति और सभ्यता को विश्वगुरु के रूप में पहचान दिलाने के लिये सिनेमा एक सशक्त माध्यम है। ये फिल्म फेस्टिवल इसी कड़ी में नवोदित फिल्म छात्रों को एक सशक्त प्लेटफार्म देने की पहल है।
कार्यक्रम में फिल्मोत्सव के संयोजक डॉ. यशार्थ मंजुल ने कहाकि सिनेमा सभी कलाओं को आत्मसात किए हुए है। अतः इसका प्रभाव मनुष्य के मन मस्तिष्क पर अधिक होता है। डॉ. मंजुल ने भारतीय सिनेमा के स्वाधीनता संग्राम पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन 1 से 3 दिसंबर 2023 को गौतम बुद्धा विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा में होगा। ये फिल्मोत्सव छात्र केंद्रित है जिसमें प्रतिभाग हेतु फिल्म प्रविष्टियाँ देने की अन्तिम तिथि 5 अक्टूबर 2023 है। इच्छुक छात्र अपनी प्रविष्टियाँ गूगल लिंक- https://prernasamvad.in/registerforfilms पर भेज सकते हैं। आयोजन की श्रेष्ठ फिल्मों को 200000 रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रेरणा चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल मुख्य रूप से आजादी का अमृत महोत्सव, भारतीय लोकतंत्र, जनजातीय समाज, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की संस्कृति, पर्यावरण, ग्राम विकास, स्वाधीनता आंदोलन, भविष्य का भारत, सामाजिक सद्भाव, धर्म एवं अध्यात्म एवं महिला सशक्तिकरण है जैसे विषयों पर आधारित फिल्मों को प्रोत्साहन देने का एक प्रयास है।
अवध चित्र साधना के सचिव अरुण त्रिवेदी ने कहा कि अवध क्षेत्र आरम्भ से फिल्म प्रतिभाओं का गढ़ रहा है और प्रेरणा चित्रभारती फिल्म फेस्टिवल में भी क्षेत्र के नवोदित फिल्म निर्माता बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग करेंगे। आज का युग डिजिटल कन्टेंट का युग है। जिसकी वजह से आज भारत के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी फिल्म, शॉर्ट फिल्म के संदर्भ में उत्कृष्ट प्रतिभायें निकल कर आ रही हैं। ये फिल्म फेस्टिवल ऐसे ही नवोदित फिल्मकारों को एक दिशा और अपनी प्रतिभा दिखाने का एक सशक्त प्लेटफार्म प्रदान करता है। उन्होंने कहाकि इस फिल्मोत्सव के पश्चात् फरवरी माह में एक राष्ट्रीय फिल्मोत्सव का आयोजन भी भारतीय चित्र साधना की ओर से किया जाएगा। इस दौरान अशोक सिन्हा, डॉ. इंद्रेश सिंह सहित शहर के शिक्षक उपस्थित रहे। पोस्टर लाँच के दौरान संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपा शंकर, क्षेत्र प्रचार प्रमुख नरेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही