Sunday , October 13 2024

ट्रांसजेंडर के बेहतर स्वास्थ्य और मुख्य धारा में लाने पर मंथन

– यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के तत्वावधान में राज्यस्तरीय कार्यशाला  

– ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड व वाईआरजी केयर ने आयोजन में किया सहयोग 

– कई राज्यों के किन्नर समुदाय के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में लिया भाग 

लखनऊ। ट्रांसजेंडर (किन्नर) समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा प्रदान करने के साथ ही उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने पर मंथन को लेकर मंगलवार को यहाँ राज्यस्तरीय कार्यशाला हुई। यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में यूपी स्ट्रेट ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड और वाईआरजी केयर संस्था ने सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में कई राज्यों के किन्नर समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ ही कौशल विकास मिशन, महिला कल्याण, समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय की भलाई को लेकर उनके विभाग द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया। 

इस मौके पर यूपी स्टेट ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम चिश्ती ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किन्नर समुदाय को हरस्तर पर बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने को लेकर गंभीर है। पुलिस स्टेशन पर ट्रांसजेंडर सेल बनाये गए हैं। यदि कहीं किसी तरह का भेदभाव या दुर्व्यवहार होता है तो अपनी समस्या को जरूर उठायें और संविधान में किन्नर समुदाय को प्रदत्त अधिकारों का लाभ उठायें। यदि हमको लेकर हमारे परिवार को कोई दिक्कत नहीं है तो दूसरे लोग कौन होते हैं हम पर ऊँगली उठाने वाले, इसलिए अपनी सभ्यता और संस्कृति के दायरे में रहते हुए संघर्ष करते रहिये।

कार्यशाला में यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव ने नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (नाको) के नेतृत्व में किन्नर समुदाय की भलाई के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में करायी गयी गणना के अनुसार प्रदेश में करीब 6000 ट्रांसजेंडर थे, जिनमें से 4115 को विभाग की योजनाओं से जोड़कर सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। इसमें 27 स्वयंसेवी संस्थाएं मदद पहुंचा रही हैं। अगला उद्देश चिन्हित करीब 9800 ट्रांसजेंडर तक पहुँचने का उनका प्रयास है ताकि उनको बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा मिल सके। इनको वोटर कार्ड, राशन कार्ड आदि की सुविधा प्रदान करने पर भी कार्य चल रहा है। इसके अलावा सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य और जिला स्तर पर कम्युनिटी रिसोर्स ग्रुप का गठन किया जायेगा ताकि लोग उस प्लेटफार्म पर अपनी बात और सुझाव खुलकर साझा कर सकें। 

इस मौके पर यूपी स्टेट ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की सलाहकार सदस्य देविका ने अपने समुदाय का आह्वान किया कि वह लोगों के दिलों में जगह बनाने की कोशिश करें। उत्तर प्रदेश सरकार ने वेलफेयर बोर्ड बनाकर समुदाय के हित में बड़ा काम किया है। उन्होंने समुदाय के लोगों से कहा कि अपना स्वास्थ्य बेहतर रखें तभी अपनी और समाज की भलाई कर सकते हैं।

कौशल विकास मिशन के राजेश जैसवार ने कहा कि उनके विभाग का उद्देश्य हर किसी वर्ग के लोगों में ऐसा कौशल विकसित करना है जिससे लोग अपने पैरों पर खड़े होकर अपने घर-परिवार का बेहतर पालन पोषण कर सकें। किन्नर समुदाय के लोग भी इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। कार्यशाला को रेडक्रास सोसायटी की हेमाबंधु नायक, आगरा से आयीं डॉ. वत्सला और महिला कल्याण से डॉ. अनु ने भी संबोधित किया और किन्नर समुदाय के लोगों को अपने को किसी से कमतर न आंकने की नसीहत दी। वाईआरजी केयर संस्था की नेशनल प्रोग्राम मैनेजर संध्या कृष्णन ने लखनऊ में स्थापित नार्थ इण्डिया के पहले सबरंग क्लिनिक पर उपलब्ध सेवाओं के बारे में जानकारी दी।  

 इस मौके पर नोडल अधिकारी हेपेटाइटिस डॉ. विकासेंदु ने कहा कि हेपेटाइटिस की जाँच और उपचार महंगा है किन्तु यह सुविधा सरकारी अस्पतालों में बिना किसी खर्च के प्रदान की जा रही है। कार्यशाला में स्टेट टीबी-एचआईबी समन्वयक डॉ. नरेंद्र ने बताया कि हर टीबी मरीज की एचआईवी जाँच भी करायी जा रही है। सरकारी अस्पतालों में स्क्रीनिंग और जाँच की सुविधा उपलब्ध है। टीबी की पुष्टि होती है तो इलाज के साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज चलने तक 500 रुपये भी बैंक खाते में दिए जाते हैं। मरीजों की पहचान के लिए सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान भी चलाया जा रहा है। 

इस मौके पर ट्रांसजेंडर समुदाय की भलाई के लिए कार्य कर रहे लोगों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला में यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।