मुंबई (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ‘मास्टरशेफ इंडिया’ का नया सीजन प्रगति, साझेदारी और राष्ट्रीय गौरव की जड़ों से जुड़ा हुआ है, जो यह दर्शाता है कि देश अब फ्रंटफुट पे चल रहा है। इसी कड़ी में अर्चना मनोज धोत्रे और रूपाली विकार जाधव अपने पाक कौशल के साथ राष्ट्रीय मंच पर कदम रख रही हैं। इस देवरानी-जेठानी की जोड़ी का सफर इस बात का प्रतिबिंब है कि कैसे कोई बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकता है।
मुंबई में ग्राहकों के घरों में ‘प्राइवेट कुक’ (निजी रसोइया) के रूप में कड़ी मेहनत करने से लेकर मास्टरशेफ इंडिया के मंच तक पहुँचना, अर्चना और रूपाली एक बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसी महिलाएँ जिन्होंने अपनी कला को घर की रसोई से निकाल कर राष्ट्रीय पटल पर पहुँचाया है। मुखर और उत्साही अर्चना अपने साथ तटीय महाराष्ट्र की समृद्ध पाक पहचान लेकर आती हैं, जबकि रूपाली का शांत और संयमित व्यवहार जीवन की जिम्मेदारियों से उपजे उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
उनकी साझेदारी रसोई से कहीं आगे तक जाती है। दोनों एक ही मोहल्ले में रहती हैं, काम करती हैं और एक-दूसरे का पेशेवर व पारिवारिक रूप से समर्थन करती हैं। उनकी उपस्थिति ने जजों को गहराई से प्रभावित किया।
शेफ विकास खन्ना ने टिप्पणी की, “मैंने किसी की आँखों में खाने के लिए इतना प्यार कभी नहीं देखा। आपकी दुनिया के लोगों तक पहुँचने का यह एक बहुत बड़ा ज़रिया है। इस जोड़ी के लिए, मास्टरशेफ इंडिया सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक अवसर है।”
अर्चना धोत्रे ने कहा, “मास्टरशेफ इंडिया का मतलब है आत्मविश्वास के साथ आगे कदम बढ़ाना। प्राइवेट कुक होने से लेकर राष्ट्रीय मंच पर महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने तक का यह सफर हमें गर्व और जिम्मेदारी के गहरे अहसास से भर देता है।”
रूपाली जाधव ने कहा, “यह यात्रा दिखाती है कि प्रगति जीवन के किसी भी पड़ाव पर हो सकती है। मास्टरशेफ इंडिया लोगों को आगे बढ़ने, अपनी पहचान बनाने और यह विश्वास करने का साहस देता है कि हमारे काम की वास्तव में अहमियत है।”
उनकी कहानी एक याद दिलाती है कि मास्टरशेफ इंडिया केवल कौशल के बारे में नहीं है, बल्कि यह रिश्तों, जुझारूपन और गौरव के साथ एक साथ आने वाले आम भारतीयों के बारे में है।
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