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बालिकाओं में हुआ आत्मसम्मान, सतर्कता, साहस और निर्णय क्षमता का सशक्त विकास

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व और मार्गदर्शन में प्रदेश में बालिकाओं की सुरक्षा, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने की दिशा में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम ठोस और मापनीय परिणामों के साथ आगे बढ़ रहा है। यह पहल अब केवल नीतिगत घोषणा तक सीमित नहीं रही, बल्कि प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी 10,78,402 बालिकाओं के जीवन में स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाला सकारात्मक परिवर्तन बन चुकी है।

शैक्षिक सत्र 2025-26 में अब तक (अद्यतन) प्रदेश के 38,465 विद्यालयों में कुल 10,78,402 बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। ये आंकड़े केवल उन्हीं बालिकाओं के हैं, जिन्होंने विद्यालय स्तर पर रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण में सक्रिय सहभागिता की है। यह तथ्य कार्यक्रम की गंभीरता, सहभागिता और प्रभावशीलता को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।

यह प्रशिक्षण बालिकाओं को केवल आत्मरक्षा की तकनीकें ही नहीं सिखा रहा, बल्कि उनमें आत्मसम्मान, सतर्कता, साहस और निर्णय क्षमता का भी समग्र विकास कर रहा है। विद्यालय परिसरों में नियमित अभ्यास और प्रशिक्षित मार्गदर्शन के माध्यम से बालिकाएं स्वयं को अधिक सुरक्षित, सजग और आत्मनिर्भर महसूस कर रही हैं। बता दें कि रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आज प्रशिक्षित बालिकाओं के माध्यम से सुरक्षित, सशक्त और निडर भविष्य की मजबूत नींव रखता हुआ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहाकि रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से हम प्रदेश की बेटियों को केवल आत्मरक्षा के कौशल ही नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, साहस और आत्मनिर्भरता का संबल दे रहे हैं। विद्यालयों में दिया जा रहा यह प्रशिक्षण बालिकाओं को सुरक्षित भविष्य के लिए तैयार कर रहा है और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सजग व सशक्त बना रहा है। सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि प्रत्येक प्रशिक्षित बालिका स्वयं को सक्षम और निडर महसूस करे।

₹2282.80 लाख की धनराशि हुई है स्वीकृत

भारत सरकार की पीएबी के अंतर्गत प्रतिवर्ष स्वीकृत बजट के माध्यम से संचालित इस कार्यक्रम के लिए शैक्षिक सत्र 2025-26 में प्रदेश के 45,656 उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में क्रियान्वयन हेतु ₹2282.80 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसका उद्देश्य विद्यालय स्तर पर बालिकाओं को व्यवस्थित, नियमित और गुणवत्तापूर्ण आत्मरक्षा प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है।

‘वीरांगना’ मॉनिटरिंग पोर्टल का उपयोग कर हुई मॉनिटरिंग

कार्यक्रम की प्रभावी निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यूडीआईएसई+ के माध्यम से विकसित आईसीटी आधारित ‘वीरांगना’ मॉनिटरिंग पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है। इस पोर्टल पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली बालिकाओं की प्रतिदिन की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाती है। साथ ही प्रशिक्षण वीडियो, बेस्ट प्रैक्टिसेज़, फोटोग्राफ्स और मोटिवेशनल कंटेंट भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे विद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।

मोनिका रानी (महानिदेशक, स्कूल शिक्षा) ने कहाकि रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण का प्रभाव विद्यालयों में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे रहा है। आईसीटी आधारित ‘वीरांगना’ मॉनिटरिंग पोर्टल के माध्यम से प्रशिक्षण की सतत निगरानी, ऑनलाइन उपस्थिति रिकॉर्ड और गुणवत्तापूर्ण कंटेंट यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बालिकाओं को नियमित और प्रभावी प्रशिक्षण मिले। यह कार्यक्रम शैक्षिक परिवेश को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ बालिकाओं के व्यक्तित्व विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।