लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। एचडीएफसी बैंक की प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहाकि आरबीआई ने हमारी उम्मीदों के अनुरूप ब्याज दरों में कटौती की, विकास के लिए आसन्न जोखिमों को पहचाना और कम मुद्रास्फीति से उत्पन्न मौद्रिक गुंजाइश का उपयोग किया। हालांकि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8% से ऊपर पहुंच गई थी, लेकिन निर्यात पर बाहरी प्रतिकूलताओं का जोखिम अभी भी बना हुआ है। इसके अलावा, त्यौहारी सीजन के दौरान खपत में स्थिरता देखी जानी बाकी है। इस पृष्ठभूमि को देखते हुए, ब्याज दरों में कटौती से उपभोग और वृद्धि को प्रति-चक्रीय प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा, “हमारा अनुमान है कि वर्ष के मध्य तक मुद्रास्फीति 4% से नीचे रहेगी, जिससे पता चलता है कि आगामी तिमाहियों में वृद्धि में गिरावट के संकेत मिलने की स्थिति में ब्याज दरों में एक और कटौती की गुंजाइश बनी हुई है। वैकल्पिक रूप से, यदि हालिया आर्थिक गति जारी रहती है तथा अनुकूल व्यापार समझौते की घोषणा होती है, तो यह दर कटौती चक्र का अंत हो सकता है। हमें वित्त वर्ष 2026 में जीडीपी वृद्धि दर 7.3% और वित्त वर्ष 2027 में 6.5% रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 में मुद्रास्फीति दर 2% और वित्त वर्ष 2027 में 4% रहने का अनुमान है।”
ओएमओ खरीद और खरीद/बिक्री स्वैप के माध्यम से टिकाऊ तरलता के प्रवाह से इस दर में कटौती का अधिकाधिक लाभ मिलने की संभावना है, जिससे हाल के एफएक्स हस्तक्षेप से उत्पन्न दबाव को कम करने में मदद मिलेगी, तथा बांड बाजार में ऊपर की ओर बढ़ते दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।
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