लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में वरिष्ठ समीक्षक, साहित्यकार एवं शिक्षाविद् हेमलता शर्मा की नवीनतम कृति ‘कृतियों की भूमि’ का भव्य लोकार्पण समारोह सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में साहित्य, न्याय और प्रशासन जगत से अनेक प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहीं।
लोकार्पण समारोह का उद्घाटन पद्मश्री डॉ. विद्याविंदु सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुधाकर अदीब, न्यायमूर्ति राजीव सिंह तथा पूर्व पुलिस महानिदेशक महेन्द्र चन्द्र द्विवेदी ने संयुक्त रूप से किया। दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के बाद मंचासीन अतिथियों ने पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त किए।
पुस्तक की प्रशंसा करते हुए पद्मश्री डॉ. विद्याविंदु सिंह ने कहा, हेमलता जी ने अपनी आलोचना को सरल भाषा और रोचक शैली में प्रस्तुत किया है। यह पाठकों को बांध कर रखती है। न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने लेखिका को संवेदनशील अध्यापिका और गहन समीक्षक बताते हुए कहा कि उनकी कृति समाज और संस्कृति की गहरी परतों को उजागर करती हैं।
डॉ. सुधाकर अदीब ने कहा, हेमलता शर्मा का लेखन आलोचना की परम्परा को समृद्ध करता है और इसमें वैचारिक गहराई है। वहीं महेन्द्र चन्द्र द्विवेदी ने उनके लेखन में भारतीय परम्पराओं और जीवन मूल्यों की झलक पर प्रकाश डाला।
डॉ. अमिता दुबे ने ‘कृतियों की भूमि’ के प्रकाशक नवीन शुक्ल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए हेमलता शर्मा को अपने कहानी संग्रह सुखमनी और पुनर्वास को सम्मिलित करने हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में उषा चौधरी, मंजू शुक्ल, मीरा दीक्षित, मनका पाण्डेय, अलका प्रमोद, शारदा लाल, शशि जैन, निरुपमा मेहरोत्रा, इला शर्मा एवं अरुणेन्द्र चन्द्र त्रिपाठी की कृतियां सम्मिलित हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमिता दुबे ने किया। स्वागत वक्तव्य नमन प्रकाशन के नवीन शुक्ल ने दिया। धन्यवाद ज्ञापन विपिन शर्मा और सम्पूर्ण शर्मा परिवार की ओर से किया गया। समारोह में शहर के वरिष्ठ साहित्यकारों, अध्यापकों, शोधार्थियों और साहित्य प्रेमियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।