लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। 345 एमएलडी भरवारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का गुरुवार को एमिटी यूनिवर्सिटी के माइक्रो-बायोलॉजी विभाग के छात्र-छात्राओं ने शैक्षणिक भ्रमण किया। इस विजिट का उद्देश्य शहरी जल प्रबंधन और सीवेज शोधन की आधुनिक तकनीकी प्रक्रियाओं की प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करना था।
भ्रमण के दौरान छात्रों ने प्लांट की विभिन्न इकाइयों का निरीक्षण किया और सीवेज शोधन की चरणबद्ध प्रक्रिया को विस्तार से समझा। सुएज (ओसीओपी) की तकनीकी टीम ने उन्हें बताया कि किस प्रकार गंदे पानी को वैज्ञानिक तरीकों से साफ कर उपयोगी जल में बदला जाता है। छात्रों को यह भी समझाया गया कि शहरी अपशिष्ट प्रबंधन में इस तरह की परियोजनाएं किस प्रकार जल संसाधनों के संरक्षण और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान करती हैं।

एमिटी यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ज्योति प्रकाश ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को शहरी बुनियादी ढांचे और उसके प्रबंधन की जमीनी हकीकत से जोड़ते हैं। इससे भविष्य में वे नीतिगत निर्णय और उसके कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम बनेंगे।
इस एक्सपोज़र विजिट को छात्रों ने बेहद ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया और इस प्रकार की और तकनीकी यात्राओं की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर एमिटी यूनिवर्सिटी से डॉ. रचना चतुर्वेदी, सुएज (ओसीओपी) से कम्युनिकेशन मैनेजर अक्षत सक्सेना तथा प्लांट इंचार्ज पार्थ सारथी नाथ उपस्थित रहे।