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इन्वेस्ट यूपी की जर्मन डेस्क ने भारतीय दूतावास के साथ की रणनीतिक बैठक

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक निवेश गंतव्य बनाने, विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करने, औद्योगिक सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इन्वेस्ट यूपी ने अपनी जर्मनी डेस्क के माध्यम से बर्लिन स्थित भारतीय दूतावास के साथ एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी ने की।

जर्मनी में भारतीय दूतावास के द्वितीय सचिव दीपक सिंह रंधावा ने इन्वेस्ट यूपी को आश्वस्त किया कि आगामी निवेश रोडशो और बी2बी कार्यक्रमों में दूतावास पूर्ण सहयोग देगा। उन्होंने जर्मन उद्योग संघों, वाणिज्य मंडलों और एसएमई क्लस्टर्स के साथ तालमेल बढ़ाने पर बल दिया ताकि अधिक से अधिक निवेश उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित किया जा सके।

श्री चौधरी ने उत्तर प्रदेश की मजबूत आर्थिक स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में विशाल एक्सप्रेसवे नेटवर्क, सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे, निवेशक-अनुकूल नीतियां और प्रतिस्पर्धी उपभोक्ता बाजार मौजूद हैं। 

उन्होंने राज्य की फॉर्च्यून ग्लोबल इंडिया-500 निवेश प्रोत्साहन नीति 2023, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स पॉलिसी और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी जैसी पहल का उल्लेख किया, जो वैश्विक स्तर की प्रोत्साहन सुविधाएं प्रदान करती हैं। राज्य की एफडीआई नीति भूमि पर 75% तक सब्सिडी, पूंजीगत व्यय सहायता और विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराती है, जिससे उत्तर प्रदेश भारत का सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य बनता है।

संवाद के दौरान कारोबार में सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) को और बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुई। साथ ही विविध उद्योगों को बढ़ावा देने, सप्लाई चेन और ऑटोमोटिव, डिफेंस, एयरोस्पेस, मेडटेक, बायोटेक्नोलॉजी, ग्रीन हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे खास क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर भी विमर्श हुआ।

दोनों पक्षों ने मिलकर आर्थिक संबंधों को लगातार मजबूत बनाने के लिए एक योजना बनाने पर सहमति जताई। इस योजना में ऑनलाइन निवेशक संवाद, अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े प्रतिनिधिमंडल का आदान-प्रदान और अंतरराष्ट्रीय निवेश मंचों पर मिलकर काम करना शामिल होगा।

इन्वेस्ट यूपी ने दूतावास को यह भरोसा दिलाया कि वह उन्हें क्षेत्र-विशेष निवेश से जुड़ी जानकारी, जीआईएस आधारित लैंड बैंक और नीतियों को साझा करेगा।