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मॉरीशस व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने इन्वेस्ट यूपी और उद्योग संघों से किया संवाद

भारतीय व्यवसायों के लिए मॉरीशस बन सकता अफ्रीका में विस्तार का गेटवे

वाराणसी (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इन्वेस्ट यूपी द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण व्यापार एवं निवेश बैठक में मॉरीशस का एक उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ। इस कार्यक्रम में भारत के प्रमुख उद्योग संघों ने भाग लेकर नवीकरणीय ऊर्जा, अवस्थापना, बंदरगाह, सड़क, स्वास्थ्य सेवा, फार्मा, वित्तीय सेवाएं, बुनियादी ढांचा, पर्यटन और एआई जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।

इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश और मॉरीशस के बीच आर्थिक संबंधों को और गहरा करना और दीर्घकालिक निवेश साझेदारियों को बढ़ावा देना था। चर्चा में आईआईए, सीआईआई, पीएचडीसीसीआई, इंडियन अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स, एसोचैम और लघु उद्योग भारती जैसे उद्योग संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी ने स्वागत उद्बोधन दिया और उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसरों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने राज्य की मजबूत बुनियाद पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की 56% से अधिक आबादी कार्यशील आयु वर्ग में आती है, जो एक बड़ा जनसांख्यिकीय लाभ प्रदान करती है।

उन्होंने उत्तर प्रदेश की अद्वितीय कनेक्टिविटी पर बल दिया। जिसमे एक्सप्रेसवे के विस्तृत नेटवर्क, पाँच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों (जिनमें एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक निर्माणधीन नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी शामिल है) और 16 घरेलू हवाई अड्डों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने बताया कि राज्य 34 से अधिक क्षेत्र विशिष्ट नीतियाँ प्रदान करता है, जिनमें भारत के सबसे आकर्षक प्रोत्साहन शामिल हैं। 

उन्होंने मॉरीशस प्रतिनिधिमंडल से इन अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान करते हुए फॉर्च्यून ग्लोबल एवं इंडिया-500 इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 और

उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार संवर्धन नीति 2022 का उल्लेख किया, जो वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि निवेशकों की सुविधा हेतु राज्य भारत का सबसे बड़ा सिंगल विंडो प्लेटफ़ॉर्म ‘निवेश मित्र’ प्रदान करता है।

मॉरीशस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संजय भुंजन ने किया। उन्होंने भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मॉरीशस को “छोटा भारत” बताते हुए उत्तर प्रदेश से साझा मूल्यों और भावनात्मक रिश्तों को रेखांकित किया। श्री भुंजन ने यह भी कहा कि मॉरीशस अफ्रीका में विस्तार करने वाले भारतीय व्यवसायों के लिए एक द्वार और आधार बन सकता है।

आईआईए, आईएसीसी और लघु उद्योग भारती सहित उद्योग संघों ने भी विचार साझा किए और भारत तथा मॉरीशस के बीच सहयोग एवं नए अवसरों की संभावनाओं को रेखांकित किया।

पी.एस. गंगाधर (संयुक्त सचिव, भारत सरकार) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएँ हैं और यूपी तथा मॉरीशस मिलकर मजबूत गठबंधन बना सकते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मॉरीशस भारत के लिए व्यापार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है। भारत सरकार की अंडर सेक्रेटरी आशिमा गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस बैठक से उत्तर प्रदेश और मॉरीशस दोनों को परस्पर लाभ होगा।

बैठक का समापन दोनों पक्षों की ओर से इन साझेदारियों को आगे बढ़ाने और व्यापार, निवेश तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए आयाम खोलने की प्रतिबद्धता के साथ हुआ। उत्तर प्रदेश के उद्योग संगठनों ने गहरी रुचि व्यक्त की और मॉरीशस के व्यवसायों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया।