लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। हर साल मार्च से अप्रैल के बीच, बढ़ते तापमान और मानसून-पूर्व के मौसम में मच्छरों का प्रजनन बढ़ जाता है, जिससे मानसून के दौरान मच्छर जनित बीमारियों में वृद्धि होती है। यह ऐसा समय है जब लोग वेपोराइज़र, एरोसोल, पैच, अगरबत्ती आदि जैसे मच्छर भगाने वाले उत्पादों (रेपेलेंट) पर भरोसा करते हैं। हालांकि, बाज़ार नकली और घटिया उत्पादों से भरा पड़ा है जो गंभीर स्वास्थ्य और सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं। लोगों को असली, प्रामाणिक और सरकार द्वारा स्वीकृत मच्छर भगाने वाले उत्पादों को चुनने में मदद करने के लिए यहां एक व्यापक मार्गदर्शिका दी गई है।
पैक पर सीआईआर नंबर देखें
जयंत देशपांडे (मानद सचिव, होम इंसेक्ट कंट्रोल एसोसिएशन) ने बताया कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी है कि उत्पाद कानूनी रूप से स्वीकृत हो। हर असली और सरकार द्वारा स्वीकृत मच्छर भगाने वाले उत्पाद पर केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड एवं पंजीकरण समिति (सीआईबीएंडआरसी) की स्वीकृति संख्या होती है, जिसे सीआईआर नंबर के रूप में भी जाना जाता है। केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड एवं पंजीकरण समिति केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पौध संरक्षण, संगरोध एवं भंडारण निदेशालय (डीपीपीक्यूएस) के तहत आने वाली एक समिति है। यह पंजीकरण सुरक्षा और प्रभावकारिता मानकों के अनुपालन की गारंटी देती है। विश्वसनीय ब्रांड अपनी पैकेजिंग पर इस नंबर को प्रमुखता से प्रदर्शित करते हैं। यदि यह न दिखे, इससे छेड़-छाड़ की गई हो या अस्पष्ट हो तो वह उत्पाद संभवतः नकली हो सकता है। उन्होंने बताया कि लोगों को स्पष्ट निर्माता विवरण, संपर्क जानकारी, बैच नंबर और एक्सपायरी डेट की भी जांच करनी चाहिए। इन दिनों कुछ रेपेलेंट पर क्यूआर कोड उपलब्ध होते हैं और रिपेलेंट की प्रामाणिकता का पता लगाने के लिए उन्हें स्कैन किया जा सकता है।
स्वीकृत और प्रभावी फॉर्म्यूलेशन की तलाश करें
उन्होंने बताया कि रेपेलेंट चुनते समय, हमेशा फॉर्म्यूलेशन की जांच करें। वैज्ञानिक रूप से समर्थित और सरकार द्वारा अनुमोदित फॉर्म्यूलेशन जैसे रेनोफ्लुथ्रिन, ट्रांसफ्लुथ्रिन आदि देखें। विशेष रूप से, ‘रेनोफ्लुथ्रिन’ भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित और पेटेंट किया गया मॉलेक्यूल है जो मच्छर नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी तरल वेपोराइज़र फॉर्म्यूलेशन बनाता है। रेनोफ्लुथ्रिन फॉर्म्यूलेशन फिलहाल में केवल गुडनाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइज़र में उपलब्ध है। पिकारिडिन या लेमन यूकेलिप्टस (ओएलई) के तेल जैसे अन्य विश्वसनीय अवयवों की भी तलाश की जा सकती है, जबकि अस्पष्ट या असूचीबद्ध रासायनिक संरचना वाले उत्पादों से बचें।
ब्रांडेड और प्रमाणित मच्छर भगाने वाले उत्पादों का उपयोग करें
जयंत देशपांडे ने कहा कि विश्वसनीय और प्रतिष्ठित ब्रांडों के उत्पाद ही खरीदें क्योंकि उनके हर उत्पाद सरकार द्वारा प्रमाणित और स्वीकृत होते हैं। ये प्रमाणित ब्रांड सरकारी विनियमन का पालन करते हैं और उत्पाद को बाज़ार में पेश किए जाने से पहले 2-3 साल से अधिक समय तक अपने हर फॉर्म्यूलेशन का कठोरता से परीक्षण करते हैं।
पैकेजिंग और लेबलिंग का निरीक्षण करें
उन्होंने बताया कि मच्छर भगाने वाले असली उत्पादों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और स्पष्ट, सटीक मुद्रण के साथ पैक किया जाता है। नकली उत्पादों में अक्सर आड़ी-तिरछी पैकेजिंग, फीकी स्याही, मुद्रण की त्रुटियाँ या अस्पष्ट लेबलिंग होती है। इसके अतिरिक्त, प्रामाणिक वेपोराइज़र और स्प्रे में वहनीय, रिसाव-रोधी बोतलों और कैप का उपयोग होता है, जबकि नकली वाले अक्सर कमज़ोर, आसानी से टूटने-फूटने वाले होते हैं।
खतरे के संकेत पर नज़र रखें
बेहद सस्ते दामों पर बेचे जाने वाले उत्पाद अक्सर नकली या घटिया होते हैं। विनिर्माता के बारे में विस्तृत जानकारी की कमी, अस्पष्ट सामग्री सूची या प्रभावशीलता के अतिरंजित दावे भी चिंता का विषय होने चाहिए। यदि पैकेजिंग में छेड़छाड़ दिखती है या यह पूरी नहीं दिखती तो इस उत्पाद से बचें।
संदिग्ध नकली उत्पादों की सूचना दें
यदि आपको कहीं नकली या घटिया उत्पाद मिलता है, तो इसकी सूचना होम इन्सेक्ट कंट्रोल एसोसिएशन (एचआईसीए) जैसे विनिर्माता या विनियामक प्राधिकरण को दें। समय पर सूचना देने से असुरक्षित उत्पादों के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा होती है। लोग सतर्क रहकर और इन सुझावों का पालन कर आत्मविश्वास से प्रभावी और मच्छर भगाने वाले असली उत्पादों का चयन कर सकते हैं, जिससे उनके घर मच्छर जनित बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे।
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