लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारत के विकास का यह दशक है, इस देश में अपार संभावनाएं है। भारत शीघ्र ही तीसरी अर्थव्यवस्था और अगले बीस वर्षों में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। उक्त बातें अर्थशास्त्र विभाग एवं पॉपुलेशन रिसर्च सेंटर, लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित विशेष व्याख्यान इंडिया@2047-एक्सपीरिएंसेस एन्ड इंडियाज़ विषय पर बोलते हुए कोलबिया विश्वविद्यालय के प्रो. निरुपम वाजपेई ने कही।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए मोदी सरकार विभिन्न फ्रण्टों पर एक साथ कार्य कर रही है। शिक्षा, कौशल विकास, वित्तीय समावेशन, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, आधार लिंकेज, मार्टीलिटी रेट इत्यादि क्षेत्रों में अप्रत्याशित सफलता प्राप्त किया है।

अध्यक्षता करते हुए कला संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. अरविंद मोहन ने कहा कि विकसित भारत की बात हो रही पर ध्यान देना होगा कि जॉबलेस ग्रोथ भी एक बड़ी समस्या है। डेमोग्राफिक डिवीडिएंड का घटना भी चुनौती है। डिफेंस कॉरिडोर, मैनुफेक्चरिंग, हेल्थ इत्यादि क्षेत्रों में सकारात्मक प्रगति हुई है।
विशिष्ट अतिथि लखनऊ मैनेजमेन्ट एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एके माथुर ने विकसित भारत के लिए सभी के प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। आभार ज्ञापन अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विनोद सिंह और संचालन अर्थशास्त्र विभाग की डॉ शशीलता सिंह ने किया।

इस मौके पर पूर्व प्रति कुलपति प्रो. अरविंद अवस्थी, प्रो. मनोज अग्रवाल, प्रो. अशोक कुमार कैथल, प्रो. वीके शर्मा, प्रो. कमल कुमार, प्रो. राकेश द्विवेदी, प्रो. एमएम वर्मा, प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रो. ध्रुवसेन सिंह, प्रो. डीआर साहू, प्रो. एके सिंह, प्रो. ओमकार नाथ उपाध्याय, प्रो. विमल जायसवाल, डॉ. अल्पना लाल, डॉ. प्रीति सिंह, डॉ. कामना सेन गुप्ता, डॉ. सुचित्रा प्रसाद, डॉ. शची राय, डॉ. विपिन पांडेय, डॉ. दिनेश यादव एवं डॉ. हरनाम सिंह सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोध छात्र-छात्राएं एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।