लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। शिक्षा के मंदिर में संस्कार भी जरूरी है। महाविद्यालय शिक्षा का मंदिर है और यहां संस्कार भी दिया जाता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज में आयोजित वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह में उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि मौजूद उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहीं।

उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हमें अपनी विरासत पर गर्व करने का अवसर मिलता है। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान और प्रतिभा के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने शिक्षा को संस्कार, रोजगार और तकनीक से जोड़ा है।

बतौर विशिष्ठ अतिथि मौजूद महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या अनुराधा तिवारी ने कहाकि इस महाविद्यालय में उन वर्गों की छात्राएं हैं जिनमें श्रम करने, लगन से आगे बढ़ने और ऊंची उड़ान भरने की दृढ़ इच्छा होती है। उन्होंने छात्राओं से अनुशासित रहने, सपने देखने और उसको मन लगाकर पूरा करने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय में आना सदैव सुखद अनुभव होता है। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने गुरु जन से ज्ञान प्राप्त कर लाभान्वित हो और अपने सपने साकार करें। साथ ही महाविद्यालय से जुड़ी अपनी कई स्मृतियों को भी साझा किया। उन्होंने छात्राओं को महादेवी वर्मा की पंक्ति “संस्थानों में राष्ट्र का भविष्य निर्मित होता है” के भाव को अंगीकार करने की शिक्षा दी।


मुख्य अतिथि और विशिष्ठ अतिथि ने वर्ष भर संपन्न हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने अटल अंजुली क्लब के न्यूज लेटर के साथ ही 3 पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। जिसमें प्रो. शिवानी श्रीवास्तव द्वारा लिखित “इंप्रूविंग इम्यूनिटी थ्रू होम गार्डनिंग”, डॉ. पूनम वर्मा द्वारा लिखित “बेसिक्स आफ फाइनेंशियल मार्केट” एवं एक संपादित पुस्तक “सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन” शामिल हैं।

संपादित पुस्तक को प्रो. अनुराधा तिवारी (पूर्व प्राचार्य), प्रो. रश्मि बिश्नोई (प्राचार्य), प्रो. शरद कुमार वैश्य, डॉ. राघवेंद्र प्रताप नारायण, डॉ. ज्योति, डॉ. पारुल मिश्रा, डॉ. रोशनी सिंह एवं राहुल पटेल ने लिखा है। जो महाविद्यालय के उच्च अकादमिक स्तर का परिचायक है।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफ़ेसर रश्मि बिश्नोई ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा महाविद्यालय की वार्षिक आख्या प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शासन, उच्च शिक्षा मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक डा. नीरज बोरा, निदेशक, ज़िला प्रशासन, एलडीए एवं पुलिस प्रशासन के सक्रिय सहयोग से विगत तीस वर्षों से लंबित अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करते हुए चहार दीवारी का निर्माण संभव हो सका है।

उल्लेखनीय है कि इस समारोह में 31 प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर स्थान प्राप्त करने वाली 139 छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। अटल अँजुरी क्लब के तत्वावधान में आयोजित गरबा नृत्य, फैंसी ड्रेस, मेहँदी प्रतियोगिता के अलावा महाविद्यालय स्तर पर विभिन्न शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर प्रतियोगिताओं में हिन्दी एवं शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित निबंध एनएसएस द्वारा आयोजित पोस्टर, महिला प्रकोष्ठ द्वारा नारा लेखन, मिशन शक्ति द्वारा फैंसी ड्रेस, गृह विज्ञान द्वारा स्तन पान सप्ताह प्रतियोगता में स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया।


कार्यक्रम में पुरस्कार वितरण का कार्य समिति की प्रभारी प्रो. विनीता लाल के निर्देशन में सफलता पूर्वक सम्पन्न किया गया। कार्यक्रम का सफल और प्रभावी संचालन डा. शालिनी श्रीवास्तव एवं डा. रश्मि अग्रवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफ़ेसर शिवानी श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक कर्मचारी अभिभावक एवं बड़ी संख्या में छात्राएँ में मौजूद रहे।