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जीवंत हुआ सरदार वल्लभभाई पटेल का युग, दिखा नेहरू और पटेल का द्वंद्व

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल के डेढ़ सौवें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में मां महेश्वरी सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा राष्ट्रशिल्पी सरदार नाटक का मंचन किया गया। संस्कृति विभाग के सहयोग से उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में शुक्रवार को संत गाडगे प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में विधान परिषद सदस्य अवनीश सिंह, सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अरुण सिन्हा, डा. राधेश्याम मिश्रा व आईएएस डा. हीरालाल बतौर अतिथि सम्मिलित हुए।

नाटक में वल्लभभाई पटेल के छात्र जीवन, गुरु को दी गई गुरु दक्षिणा, वकालत, राजनीति और देश के गृहमंत्री के रुप में किये गये कार्यों को सूत्रधार के सहारे प्रभावी दृश्यों में प्रस्तुत किया गया। नाटक में बताया गया कि प्रान्तीय कांग्रेस समितियां पटेल के पक्ष में थीं किन्तु गांधी की इच्छा का आदर करते हुए पटेल ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से स्वयं को दूर रखा और नेहरू का समर्थन किया। उन्हें उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री का कार्य सौंपा गया किन्तु इसके बाद भी नेहरू और पटेल के सम्बन्ध तनावपूर्ण ही रहे। इसके चलते कई अवसरों पर दोनो ने ही अपने पद का त्याग करने की धमकी दे दी थी।

गृह मंत्री के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता देशी रियासतों राज्यों को भारत में मिलाना था। इसको उन्होने बिना कोई खून बहाये सम्पादित कर दिखाया। केवल हैदराबाद स्टेट हेतु आपरेशन पोलो के लिये उनको सेना भेजनी पड़ी। भारत के एकीकरण में उनका महान योगदान था।

मंच पर सूत्रधार के रूप में डा. आशुतोष गुप्ता, हरिश्चंद्र पटेल के रूप में मनोज तिवारी, रामू एवं महात्मा गांधी के रूप में केके पांडे, युवा सरदार पटेल के रूप में पीयूष राय, नाई एवं पुलिस मैन के रूप में राकेश, विट्ठलभाई के रूप में अरहान, जज और कृपलानी के रूप में अमित तिवारी, विल्सन एवं सुभाष चंद्र बोस के रूप में आशीष सिंह, मौलाना आजाद के रूप में संजय शर्मा, नेहरू के रूप में राज दुबे, सरदार वल्लभ भाई पटेल के रूप में योगेश शुक्ल, शेख अब्दुल्लाह के रूप में अनूप अवस्थी तथा कासिम रिजवी के किरदार में लेखक व निर्देशक शिवेंद्र पटेल ने सराहनीय भूमिका निभायी।

मंच पर भूमिकाओं में प्रकाश संयोजन संजय त्रिपाठी, वेशभूषा अनीता पटेल, मंच व्यवस्था सुषमा शुक्ला, संगीत संचालन अरहान, ज्ञान पटेल के साथ ही हिमांशु वर्मा, रिशेन्द्र वर्मा, अंकित वर्मा, राकेश, मनोज तिवारी, भुवन कुमार, पीयूष राय प्रमुख रहे। रामसेवक वर्मा व संस्था के अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत तथा प्रदीप सारंग ने संचालन किया।