लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को एआई नवाचार में सबसे आगे रखने के दृष्टिकोण के अनुरूप उत्तर प्रदेश एआई और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का केंद्र बनने की महत्वाकांक्षी यात्रा पर है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ ने भारत को वैश्विक एआई हब बनाने के लिए सभी हितधारकों के बीच एक समन्वित तालमेल के लिए नीति निर्माताओं, वैश्विक एआई विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और उद्योग के दिग्गजों को एक साथ लाने के लिए दो दिवसीय “यूपी एआई सिनर्जी कॉन्क्लेव 2025” का आयोजन किया।
उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल और सांसद (राज्यसभा) एवं चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू के अलावा यूपी एआई सिनर्जी कॉन्क्लेव 2025 में 30 से अधिक सीईओ, संस्थापक, विभिन्न कंपनियों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, एआई विशेषज्ञ, शिक्षाविद, उद्योग जगत के दिग्गज, एंजल निवेशक और उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र शामिल हुए। इनमें चेंज इंजन के संस्थापक वरुण अग्रवाल, रिलायंस जियो के एआई/एमएल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के मुख्य डेटा वैज्ञानिक शैलेश कुमार, नैसकॉम की आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल काउंसिल की सीईओ अभिलाषा गौर, ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एआई साक्षरता परियोजना की सह-प्रमुख माया शेरमन, ईएक्सएल डिजिटल के एवीपी उमेश कटारिया, ह्यूमनली.एआई के सह-संस्थापक ऋषभ नाग, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के डिजिटल और एनालिटिक्स (डीएनए सीओई) के प्रमुख अमन सिंघल, एक्रेडियन के सह-संस्थापक सुचित मुजुमदार, अनुसंधान और एआई के प्रमुख निर्मल वात्स्यायन, एल्गो8 के सीईओ और सह-संस्थापक नंदन मिश्रा, एमबीएट्रेक प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक और सीईओ अभिषेक श्रीवास्तव शामिल थे।
लिमिटेड, आईएक्सएएमबीईई के सह-संस्थापक और सीईओ सीपी जोशी, डेक्ट्रोसेल हेल्थ केयर एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की सह-संस्थापक सौम्या शुक्ला, चेंज इंजन के सह-संस्थापक और उत्पाद एवं रणनीति निदेशक शैलेंद्र नाथ झा, चेंज इंजन के संस्थापक वरुण अग्रवाल, एसएचएल लैब्स के निदेशक कुलदीप यादव, ग्रुप.वन के कंट्री हेड आलोक तिवारी, टीसीएस के क्लाउड इंफ्रा स्ट्रैटेजी एंड मॉडर्नाइजेशन के प्रमुख आशीष व्यास भी मौजूद रहे।
कॉन्क्लेव के दौरान, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ ने कौशल प्रशिक्षण, कैंपस प्लेसमेंट के अवसर, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं की स्थापना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र में छात्रों के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए अग्रणी तकनीकी कंपनियों के साथ कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर, विभिन्न कंपनियों के सीईओ, संस्थापक, अध्यक्ष और उपाध्यक्षों ने कहा कि आगामी 2025-26 शैक्षणिक सत्र के दौरान छात्रों के अपने पहले बैच को शिक्षा प्रदान करने की शुरुआत से पहले ही, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ ने उद्योगों के साथ-साथ शैक्षणिक योजना में प्रमुख हितधारकों को शामिल करके सही कदम उठाया है।
उन्होंने समर्थन का आश्वासन देते कहा कि यह एआई कॉन्क्लेव में छात्रों को एआई से संबंधित नई भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करने के लिए शिक्षा और उद्योग के बीच एक मजबूत संबंध बनाएगा। उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि समझौता ज्ञापन पाठ्यक्रम विकास, कार्यशालाओं की सुविधा भी प्रदान करेगा और उद्योग विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्रदान करेगा, यह सुनिश्चित करेगा कि छात्र वास्तविक दुनिया के अनुभव से लैस हों। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ ने एआई कॉन्क्लेव के माध्यम से अपना विजन प्रदर्शित किया है।

व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता, कपिल देव अग्रवाल ने कहाकि आज विभिन्न विधाओं, इंडस्ट्री, एआई विशेषज्ञ,पब्लिक सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर के अग्रणी मिलकर इस कॉन्क्लेव में शामिल हुए है। आज जिस लक्ष्य के साथ आप आगे बढ़ रहे है तथा सरकार जिस लक्ष्य को आगे बढ़ाना चाहती है उसका निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम निकलेगा।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने फ्रांस तथा अमेरिका में एआई पर शानदार प्रेजेंटेशन दिया था यह प्रदर्शित करता है कि हम, भारत सरकार और पूरी दुनिया ग्लोबल स्तर पर कितनी तेज़ी के साथ आगे बढ़ रही है जिसकी वर्तमान में बहुत आवश्यकता भी है। देश में बहुत सी समस्यों के समानांतर जिस प्रकार पीएम मोदी दुनिया के सामने भारत का नेतृत्व कर रहे है, समस्त दुनिया को भारत आने के लिए आमंत्रित करते है और जहाँ भी भारत सहयोग कर सकता है का आश्वासन देते है यह सराहनीय है।
पीएम मोदी का उद्देश्य है कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जाए और इसके लिए हमें चीन और जापान जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा करनी है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम अपने युवाओं को इंडस्ट्री की आवश्यकता के अनुसार स्किल से लैस कर रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि युवा सिर्फ रोजगार पाने वाले न बनें, बल्कि रोजगार देने वाले और स्किल्ड वर्कफोर्स भी बनें। इस दिशा में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। आज का एआई कॉन्क्लेव इस दिशा में एक अहम कदम है।
सांसद राज्य सभा व चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर ने कहा कि ’’एआई आज हमारी जरुरत है, मेरा मानना है कि जो भी व्यक्ति एआई में इन्वेस्ट करेगा, कल वही इसमें बेस्ट करेगा। चाहे वह कोई देश है, गवर्नमेंट है और चाहे वह कोई कंपनी है। संधू ने कहा कि हम मिलकर इंडिया एआई फाउंडेशन बनाएंगे और देश के एआई मिशन को पूरा करने में भी अपना योगदान देंगे और सब मिलकर इस पर काम करेंगे ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विज़न को साकार किया जा सके।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ ने भारत का पहला एआई-एकीकृत परिसर स्थापित किया है और भारत में एआई-संवर्धित मल्टीडिस्प्लीनरी एजुकेशन का बीड़ा उठा रहा है, जिसका उद्देश्य नवाचार और समग्र शिक्षा को बढ़ावा देना है।
अपने संबोधन में चेंज इंजन के संस्थापक वरुण अग्रवाल ने कहा, “यह एआई पर चर्चा करने के लिए एक बेहतरीन कॉन्क्लेव है। मैं पिछले 20 सालों से एआई पर काम कर रहा हूं, जब इसे मशीन लर्निंग कहा जाता था। आज हम जिस एआई तकनीक को देख रहे हैं, उसे पहले नहीं पढ़ाया जाता था। एआई के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है और इस क्षेत्र में भारत के लिए अवसर के साथ-साथ चुनौतियां भी हैं, क्योंकि हम एक ऐसी दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं, जहां हर देश एआई में बढ़त लेने के लिए अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बन रहा है। एआई का आधारभूत मॉडल दो साल पहले बनाया गया था और अब हमें सोचना चाहिए कि (एआई में) अगला कदम क्या होगा, क्योंकि अगर हम दो साल पहले लोगों द्वारा किए गए काम को करें, तो हम हमेशा दूसरों से आगे रहेंगे।”
अभिलाषा गौर, सीईओ नैसकॉम ने कहा, “संस्थान शुरू करने से पहले ही उद्योग के पेशेवरों के साथ जुड़ना चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ द्वारा एक सराहनीय कदम है, खासकर जब एआई सभी क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गया है, यह शुरुआती सहयोग निश्चित रूप से भविष्य में छात्रों को लाभान्वित करेगा। प्राथमिक विद्यालय स्तर से लेकर विश्वविद्यालयों तक के पाठ्यक्रम में उभरती हुई तकनीकों को शामिल करना भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।”
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