लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय (बीबीडीयू) ने ट्रूस्कॉलर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। यह सहयोग नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) के सुरक्षित डिजिटल प्रमाणीकरण और निर्बाध स्वचालन को सक्षम करेगा। जिससे यूजीसी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित होगा और सत्यापित शैक्षणिक रिकॉर्ड तक छात्रों की पहुंच बढ़ेगी।
यह कार्यक्रम बीबीडी एजुकेशनल ग्रुप की चेयरपर्सन अलका दास गुप्ता एवं बीबीडी ग्रुप के प्रेसिडेंट विराज सागर दास के प्रेरणा से हुआ। इस अवसर पर बीबीडीयू के प्रो वाइस चांसलर डॉ. एससी शर्मा, रजिस्ट्रार डॉ. सुधर्मा सिंह, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. एसएमके रिजवी, निदेशक वित्त पीके सक्सेना, निदेशक क्रय अजय शर्मा, परीक्षा नियंत्रक एसके मौर्या, सभी डीन, डिप्टी रजिस्ट्रार एवं को- फाउंडर, ट्रूस्कॉलर, सीए मयूर जावर आदि उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल को वास्तविकता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अपने भाषण में रजिस्ट्रार ने इस प्रणाली को लागू करने में शामिल कानूनी और प्रक्रियात्मक प्रयासों पर जोर दिया। ट्रूस्कॉलर टीम ने एक व्यावहारिक प्रस्तुति दी कि कैसे उनका प्लेटफॉर्म अकादमिक सत्यापन को सुव्यवस्थित करेगा और ब्लॉकचेन-संचालित क्रेडेंशियल्स के माध्यम से छात्र गतिशीलता को बढ़ाएगा।
प्रो-वाइस चांसलर ने डिजिटल शैक्षणिक बुनियादी ढांचे के लिए विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। जिससे छात्रों को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त, छेड़छाड़-प्रूफ प्रमाणपत्रों से लाभ सुनिश्चित किया जा सके। छात्र कल्याण डीन ने इस पहल को सफल बनाने वाले सामूहिक प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम के अंत में परीक्षा नियंत्रक एसके मौर्या ने सभी के प्रति आभार एवं धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा कि यह समझौता ज्ञापन बीबीडीयू में अकादमिक दस्तावेज़ीकरण को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है। जो छात्रों को भविष्य के लिए तैयार, कुशल और विश्व स्तर पर स्वीकृत क्रेडेंशियल प्रणाली प्रदान करेगा।