लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। आई.ओ.आर.ए.-ए.एम.ए.आर. द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। एचआरडी हॉल के सत्र का विषय “फ़ाइटोकेमिस्ट्री” था, जिसकी अध्यक्षता, प्रोफेसर सी.एस. माथेला (एमेरिटस प्रोफेसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय और कंसल्टिंग एडवाइज़र, डी.एस ग्रुप इंडिया) ने की। सत्र में विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श हुआ, जो कि औस पौधों के शोध गुणवक्ता निर्धारण तथा पौधों की रसायनिक संरचना के मील के पत्थर होंगे।
उत्सव हॉल में आयोजित सत्र का विषय “पारंपरिक ज्ञान, व्यापार और बौद्धिक संपदा अधिकार” था, जिसकी अध्यक्षता डॉ. विश्वजननी जे. सत्तिगेरी (प्रमुख, सी.एस.आई.आर-टी.के.डी.एल यूनिट, नई दिल्ली) ने की। इस सत्र में पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण, वैश्विक व्यापार और बौद्धिक संपदा अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की गई, जो आज के समय में व्यापार में अत्यधिक महत्व रखता है।
अपराह्न सत्र में प्रौद्योगिकी और शोध विकास में नवीनीकरण पर चर्चा की गई, जिसकी अध्यक्षता डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी (निदेशक, सी.एस.आई.आर-सीमैप) ने की। इस सत्र में वैश्विक विकास और समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी से सम्बंधित अनुसंधान पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। सत्र का विषय “व्यापार, स्थिरता और वैश्विक परिवर्तन” था, जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर इयान ए. ग्राहम (एफ.आर.एस., ऐकडेमिक डायरेक्टर, बायो यॉर्कशायर और वेस्टर्न चेयर ऑफ बायोकैमिकल जेनेटिक्स, सेंटर ऑफ नोवेल एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स, डिपार्टमेंट ऑफ बायोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क, यूनाइटेड किंगडम) ने की। इस सत्र में वैश्विक स्थिरता और व्यापार में नवाचार के जरिए औस कृषि के क्षेत्र में वैश्विक परिवर्तन को संभव बनाने पर चर्चा की गई।