लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पर्वतीय महापरिषद द्वारा गोमा तट पर आयोजित 10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिग-2025 की तीसरी शाम झोड़ा चांचरी के गीतों व नृत्य के नाम रही। नन्ही बच्ची दरसिखा पाठक द्वारा गाए गए राष्ट्रगान से शुरू हुए कार्यक्रम में एकल व समूह नृत्य प्रतियोगिताएं हुई।
दिन के सत्र में लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों से आए 7 झोड़ा दलों ने प्रस्तुतियां दी। जिसमें दलनायिका बीना रावत के नेतृत्व में 2 झोड़ा दल एलडीए कानपुर रोड, सुशीला नेगी के नेतृत्व में वसुन्धरा पुरम्, कल्याणपुर, दीपा बिष्ट के नेतृत्व में कल्याणपुर, विमला रावत के नेतृत्व में कल्याणपुर, नन्दा रावत के नेतृत्व में जोहार सांस्कृतिक संगठन विकास नगर, प्रेम सिंह बिष्ट के नेतृत्व में पीजीआई के कलाकारों ने झोड़ा चांचरी नृत्य की धमाकेदार प्रस्तुतियां दीं।
बतौर मुख्य अतिथि मौजूद लखनऊ पूर्वी के विधायक ओपी श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलित कर सायंकालीन सत्र का उद्घाटन किया। अतिथि का स्वागत महापरिषद के मुख्य संयोजक टीएस मनराल, संयोजक केएन चन्दोला, अध्यक्ष गणेश चन्द जोशी व महासचिव महेन्द्र सिह रावत ने प्रतीक चिन्ह और पुष्पगुच्छ भेंटकर किया।
खटीमा उत्तराखण्ड से आए लोकगायक बासु भाई ने उत्तराखण्डी लोकगीतों से समा बांधा। वहीं डीडीहाट उत्तराखण्ड से आए मेहमान कलाकार हरेन्द्र सिंह कठायत ने न्योली ’’हापुरा बजानी धुरा’’ व उत्तराखण्डी गीत “बन जाली बोजी घास कटाना” से श्रोताओं का दिल जीता।