दीमापुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। योगी सरकार महाकुंभ-2025 को भारतीय संस्कृति और एकता का वैश्विक प्रतीक बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ० दयाशंकर मिश्र ”दयालु” एवं ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर ने दीमापुर में एक भव्य रोडशो का नेतृत्व किया। उन्होंने महाकुंभ के आयोजन को भारत की विविधता में एकता का अद्वितीय उत्सव बताते हुए नागालैंड के राज्यपाल श्री ला गणेशन एवं मुख्यमंत्री नेफियू रियो तथा सम्मानित जनता को प्रयागराज महाकुंभ-2025 में आने का आमंत्रण दिया।
उन्होंने कहा कि यह सरकार महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इसे ऐतिहासिक बनाने की दिशा में अहम कदम उठा रही है। रोडशो के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने कहा कि महाकुंभ, भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक चेतना का स्पंदन है। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समावेशी भारत’ की दिव्य और जीवंत झांकी है।
उन्होंने कहा कि आप सबमें बहुत से ऐसे लोग होंगे, जिनके पास प्रयागराज कुम्भ-2019 का ‘दिव्य एवं भव्य’ अनुभव होगा, भारतीय सांस्कृतिक गौरव के रूप में जिसकी अविस्मरणीय छवि विश्व पटल पर अंकित हुई थी। यही नहीं, मेले के कुशल प्रबन्धन को भी पूरी दुनिया ने मुक्त कंठ से सराहा था। उन्होंने कहा कि इस बार आयोजित हो रहा महाकुंभ पिछले कुंभ से और अधिक दिव्य एवं भव्य होगा। प्रयागराज महाकुंभ-2025 में 45 करोड़ तीर्थयात्रियों, साधु, संतों, कल्पवासियों एवं पर्यटकों के आने की संभावना है। इसके दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार ने समयबद्ध ढंग से समुचित प्रबंध कर लिया है।
डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक माँ गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम तट पर प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर महाकुंभ 12 वर्ष के अंतराल पर एक बार फिर प्रयाग की पुण्य धरा पर आयोजित हो रहा है।
यह स्वच्छ, स्वस्थ्य, सुरक्षित एवं हरित महाकुम्भ है- डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’
डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने महाकुंभ की तैयारी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह स्वच्छ, स्वस्थ्य, सुरक्षित एवं डिजिटल महाकुंभ है। मेला को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ का संकल्प लिया गया है। इस अभियान के तहत मेला क्षेत्र में विभिन्न दोना-पत्तल विक्रेताओं की दुकानों का आवंटन, 400-स्कूल के प्राधानाचार्य के साथ स्वच्छता पर बैठक, 4 लाख बच्चों और प्रयागराज की जनसंख्या के 5 गुना नागरिकों तक स्वच्छ महाकुम्भ की पहल को पहुंचाया जा रहा है। साथ ही हर घर दस्तक अभियान के अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त का संदेश घर-घर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ- 2025 को हरियाली से भरा बनाने के लिए क्लीन के साथ-साथ ग्रीन कुंभ पर विशेष ध्यान दिया गया है। पूरे प्रयागराज में करीब तीन लाख पौधों का रोपण भी किया गया है। मेले के खत्म हो जाने के बाद पौधों को संरक्षण खुद उत्तर प्रदेश सरकार करेगी।
तीर्थयात्रियों, साधु, संतों और पर्यटकों के स्वास्थ्य देखभाल की भी है व्यवस्था
डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने कहा कि इसे स्वस्थ महाकुंभ के दृष्टिकोण से भी तैयार किया जा रहा है जिसमें आने वाले तीर्थयात्रियों, साधु, संतों, कल्पवासियों और पर्यटकों के स्वास्थ्य देखभाल की भी व्यवस्था है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है। परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल बनाया गया है। 20 बेड के दो और 8 बेड के छोटे अस्पताल भी तैयार किए गए हैं। मेला क्षेत्र और अरैल में 10-10 बेड के दो आईसीयू, आर्मी हॉस्पिटल की ओर से बनाए गए हैं। इन अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके दृष्टिगत 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट, 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ और 182 स्टॉफ नर्स की व्यवस्था है। यही नहीं अस्पतालों में पुरुष, महिला और बच्चा वार्ड अलग-अलग तैयार किए गए हैं। डिलीवरी रूम, इमरजेंसी वार्ड और डॉक्टर्स रूम भी रहेंगे।
डिजिटल महाकुंभ का भी अनुभव करेंगे श्रद्धालु
डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार दिव्य, भव्य एवं डिजिटल महाकुंभ के लिए प्रतिबद्ध है। महाकुंभ की वेबसाइट, ऐप, 11 भाषाओं में एआई चैट बॉट, लोगों एवं वाहनों के लिए क्यूआर आधारित पास, बहुभाषीय डिजिटल खोया-पाया केंद्र, स्वच्छता एवं टेंटों की आईसीटी निगरानी, भूमि और सुविधा आवंटन के लिए सॉफ्टवेयर, बहुभाषीय डिजिटल साइनेज वीएमडी, स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली, ड्रोन आधारित निगरानी एवं आपदा प्रबंधन, 530 परियोजनाओं की निगरानी का लाइव सॉफ्टवेयर, इन्वेंटरी ट्रैकिंग सिस्टम और सभी स्थलों का गूगल मैप पर एकीकरण किया गया है।
पर्यटकों की सुविधा के लिए होगी स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्था
डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने कहा कि पर्यटकों को वहां पार्किंग की समस्या से न जूझना पड़े इसकी भी व्यवस्था है। इसके दृष्टिगत 101 स्मार्ट पार्किंग बनाए गए हैं, जिनमें प्रतिदिन पांच लाख वाहन पार्क किए जा सकेंगे। 1867.04 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला पार्किंग स्थल 2019 के 1103.29 हेक्टेयर के सापेक्ष 763.75 हेक्टेयर बड़ा है। इन पार्किंग स्थल की निगरानी इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के माध्यम से की जाएगी।
शुद्ध पेयजल, इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर, रिवर फ्रंट समेत 44 घाटों पर पुष्प वर्षा की भी है व्यवस्था
उन्होंने बताया कि महाकुंभ नगरी में 35 पुराने और 9 नए पक्के घाट बनाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं के स्नान में काफी सहायक साबित होंगे। 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि ईटानगर की मरीन ड्राइव की तर्ज पर गंगा किनारे लगभग 15.25 किलोमीटर क्षेत्र में संगम से नागवासुकी मंदिर तक, सूरदास से छतनाग तक, कर्जन ब्रिज के समीप से महावीर पुरी तक रिवर फ्रंट का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर को अपग्रेड किया गया है। इससे भीड़ प्रबंधन में सहायता मिलेगी। सीसीटीवी कैमरों को देखने के लिए 52 सीटर चार व्यूइंग सेंटर स्थापित किए गए हैं।
तकनीक के माध्यम से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की होगी हेड काउंटिंग
डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ- 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रृद्धालुओं के आने की संभावना है, जो एक बड़ा कीर्तिमान होगा। इन तकनीकी विधियों से हर व्यक्ति की गिनती की जाएगी। पहली विधि एट्रिब्यूट आधारित खोज है। इसके अंतर्गत पर्सन एट्रिब्यूट सर्च कैमरों के आधार पर ट्रैकिंग की जाएगी। दूसरी विधि आरएफआईडी रिस्ट बैंड है, इसके तहत तीर्थयात्रियों को रिस्ट बैंड प्रदान किए जाएंगे, आरएफआईडी (RFID) रीडर, रिस्ट बैंड के माध्यम से अंदर और बाहर जाने का समय की ट्रैकिंग की जाएगी। वहीं तीसरी विधि मोबाइल ऐप द्वारा ट्रैकिंग है। इसके माध्यम से तीर्थयात्रियों की सहमति पर मोबाइल ऐप के जीपीएस लोकेशन के माध्यम से लोकेशन ट्रैकिंग की जाएगी।
भारतवर्ष की अनेकता में एकता का शाश्वत और समेकित जय-घोष है महाकुंभ
ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा राज्य मंत्री, श्री सोमेन्द्र तोमर ने कहा कि कुंभ, एक मेला अथवा स्नान की डुबकी मात्र न होकर, भारतवर्ष की अनेकता में एकता का शाश्वत और समेकित जय-घोष है। महाकुम्भ एक ऐसा महान पर्व है जो नदी के पावन प्रवाह में समस्त विभेदों, विवादों और मतांतरों को विसर्जित कर देता है। यह सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण है। सम्पूर्ण भारत ही नहीं, बल्कि निखिल विश्व में भारतीय संस्कृति के अनुयायियों के लिए यह पर्व विशेष महत्व रखता है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अत्यंत दुर्लभ एवं अति विशिष्ट धार्मिक आयोजन महाकुंभ के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, पारम्परिक एवं पौराणिक पक्ष को अद्वितीय रूप से विश्व पटल पर स्थापित कर रही है। प्रदेश सरकार सनातन भारतीयों के महापर्व महाकुंभ-2025 का न्यौता भारत के सभी राज्यों समेत पूरे विश्व में भेज रही है। इसी के दृष्टिगत हम आपके बीच आएं हैं। हमारा आपसे यही कहना है आप सभी इस तीर्थ में शामिल हों। दीमापुर में आयोजित इस कार्यक्रम में ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर, ट्रैवल ब्लॉगर, इंफ्लूएंसर और क्षेत्र के कुछ उद्योगपति शामिल रहे।