- पीएसआई इंडिया के सहयोग से शहरी स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक
- लैंगिक समानता पर विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों का संवेदीकरण
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लैंगिक आधारित भेदभाव को दूर कर ही स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण किया जा सकता है। इतना ही नहीं इससे मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है और किशोरियों को भी सुरक्षित बनाया जा सकता है। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनबी सिंह ने बुधवार देर शाम सीएमओ सभागार में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल-इंडिया (पीएसआई-इंडिया) के सहयोग से आयोजित शहरी स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। लैंगिक समानता पर संवेदीकरण को लेकर आयोजित इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही शिक्षा, आईसीडीएस, डूडा, जलकल विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक लघु फिल्म के माध्यम से लैंगिक समानता और स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर परिणाम के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी को प्रदर्शित किया गया। बैठक में यह भी अपील की गयी कि विभागों द्वारा आयोजित होने वाली गतिविधियों और कार्यक्रमों में लैंगिक समानता का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों और शहर स्तरीय बैठकों में लिंग संवेदीकरण सत्र का भी प्रावधान किया जाए। महिला आरोग्य समितियों और आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य सेवा में लिंग आधारित मुद्दों और मातृ, परिवार नियोजन व बाल स्वास्थ्य सम्बन्धित निर्णयों में पुरुष भागीदारी के महत्व को जरूर बताएं। इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी सार्वजनिक कार्यक्रमों में दंपति की भागीदारी को सुगम बनाया जाए और पारस्परिक संचार को बढ़ाने के लिए उन्हें संयुक्त रूप से शामिल किया जाए ताकि परिवार नियोजन के बारे में भी निर्णय लेने में उन्हें मदद मिल सके।
पीएसआई इंडिया की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर ईप्शा सिंह ने लैंगिक समानता पर आधारित सत्र के माध्यम से मुद्दे से जुड़ी हर जरूरी जानकारी रोचक अंदाज में दी। उन्होंने बताया कि लिंग समानता की बात करना इसलिए भी जरूरी है ताकि सभी को बराबर का अधिकार मिले और उन सभी तरह की सेवाएं जो सरकार द्वारा दी जा रही हैं, उस पर बातचीत कर उसका लाभ उठा सकें। बैठक के दौरान एक कहानी के माध्यम से यह भी संदेश दिया गया कि एक गर्भवती महिला को किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है और समय पर उचित सेवा न मिल पाने की वजह से किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि आईसीडीएस, स्वास्थ्य, शिक्षा, डूडा और जलकल विभाग किस तरह अपने कार्यक्रमों में लिंग समानता को जोड़ते हुए लोगों को जागरूक करेंगे। बैठक को उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एपी सिंह, जिला स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव ने भी संबोधित किया और क्यों जरूरी है स्वास्थ्य विभाग में लिंग समानता पर प्रकाश भी डाला। यह भी बताया कि किस तरह इस विषय पर और बेहतर कार्य किया जा सकता है। बैठक में यूनिसेफ, ममता फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। बैठक में पीएसआई-इंडिया से अनिल द्विवेदी, धर्मेन्द्र सिंह, अनुरेश सिंह, गणेश शुक्ला, मनोज कुमार, प्रवीण दीक्षित आदि उपस्थित रहे।