इत्र पैकेजिंग की एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
कन्नौज (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर एवं जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र, कन्नौज द्वारा आयोजित इत्र पैकेजिंग की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कॉन्फ्रेंस हॉल, एफएफडीसी, कन्नौज में संपन्न हुआ। लगभग 80 लोगों ने प्रतिभाग किया, जिसमें इत्र उद्यमी तथा अन्य हितधारक सम्मिलित थे। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पैकेजिंग को बेहतर बनाना था।
जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य हमारे जिले के ओडीओपी प्रोडक्ट इत्र को लोकल से ग्लोबल बनाना है। जिसके लिए हमे गुणवत्ता, पैकेजिंग एवं परिवहन पर विशेष ध्यान देना होगा। जिसके लिए एफएफडीसी द्वारा विशेष कोर्स शुरू किया जाएगा। जिससे हमारा छात्र छात्राओं से संबंध बेहतर होगा और लगातार अंतराल पर उनसे मुलाक़ात भी होती रहेगी। इससे लोकल लेवल पर हमारी मार्केट को काफी फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि हमारी मार्केट को पारदर्शिता, नए मानकों की जरूरत है। हम जितना ओपन होंगे हमे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उतना फायदा होगा। हमे अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों का पालन करते हुए अपनी पहचान बनानी होगी। हमारे पास ग्राहकों की कमी नहीं है। इसलिए हमें संभावनाएं तलाशनी होगी कि कैसे हम अपने क्षेत्र में और बेहतर कर सकते हैं। हम आगे भी इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन करते रहेंगे। हमारा एक मात्र लक्ष्य कन्नौज के इत्र को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है।
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिसिनल ऐंड ऐरोमैटिक प्लांट्स के निदेशक डॉ. प्रबोध त्रिवेदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रयोगशाला पैकेजिंग में हो रही छोटी- छोटी गलतियों को दूर करने के लिए आयोजित हुई है। कन्नौज में इत्र को लेकर जितनी संभावनाएं हैं वह हमें प्रेरित करती है कि हम कैसे इत्र को विश्वस्तर पर और भी बेहतर तरीके से पेश कर पाएं।
समस्याओं को लेकर उन्होंने कहा कि हमें केमिकल युक्त पदार्थों से दूर रहना होगा। हमे उसका विकल्प ढूंढना होगा और हमने ढूंढ भी लिया है जल्द ही हम काफी कम खर्चे में ऐसी पद्धति लाने वाले हैं जिससे सिंथेटिक और ओरिजनल में अंतर पता कर पाएंगे और यह पद्धति हमारे इत्र को ग्लोबल स्तर पर पहचान दिलाएगी क्योंकि अभी तक सिंथेटिक और ओरिजनल में अंतर पता करने के लिए हमे विदेश की पद्धतियों का सहारा लेना पड़ता था पर अब कुछ समय में हम स्वयं सिंथेटिक और ओरिजनल में अंतर पता कर पाएंगे। हमे विज्ञान की अपनाना होगा साथ ही युवा उद्यमियों को भी इत्र के क्षेत्र में लाना होगा। लोग हमें देखेंगे तो ही जानेंगे।
कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त करते हुए आईआईपी के डायरेक्ट तनवीर आलम ने कहा कि आज की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पैकेजिंग पर ध्यान देना है। क्यूंकि बिना पैकेजिंग के हम अपने किसी भी प्रोडक्ट की ब्रांडिंग नहीं कर सकते हैं हम सभी जानते हैं जो दिखता है वो बिकता है। आपका प्रोडक्ट मार्केट में तभी टिकेगा जब उसकी पैकेजिंग बेहतर, टिकाऊ, आकर्षक और इंगेजिंग होगी। पैकेजिंग ही होती है जो ग्राहकों को अपनी तरफ खींचती है। उन्हें खरीदारी के लिए बाध्य करती है। हम नए उद्यमियों को बेहतर पैकेजिंग करने के तरीके उनके मानकों से अवगत कराएंगे और कन्नौज के इत्र को देश विदेश में पहचान दिलाएंगे।
इस कार्यशाला का उद्देश्य इत्र उद्योग के प्रतिनिधियों को इत्र, और अन्य सुगंधित उत्पादों की विश्व स्तरीय और उच्च गुणवत्ता वाली पैकेजिंग से संबंधित आवश्यक ज्ञान प्रदान करना था। इस कार्यशाला में रणनीतिक और अत्याधुनिक पैकेजिंग तकनीकों के बारे में छात्रों को बताया गया। कन्नौज इत्र निर्यात का वैश्विक केंद्र बनने के लिए पूरी तरह तैयार है और यह कार्यशाला उत्तर प्रदेश सरकार, इन्वेस्ट यूपी और यूपी को वैश्विक निर्यात केंद्र बनाने के लिए निर्माताओं के प्रयासों को आगे बढ़ाएगी।