Saturday , November 23 2024

उम्रदराज लोगों संग युवा भी दिखा रहे हैं साहित्य और वैचारिक किताबों में रुचि

बलरामपुर गार्डन में राष्ट्रीय पुस्तक मेला : चौथा दिवस

  • नयी किताबों में साहित्य के संग वैचारिक विषय और स्त्री विमर्श भी
  • वेदपाठ के संग गूंजी कविताएं और पुस्तकों का हुआ विमोचन


लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बलरामपुर गार्डन में चल रहे इक्कीसवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में सदाबहार साहित्य तो है ही, नये साहित्य और पुस्तकें भी खूब हैं। उम्रदराज लोगों के संग ही युवा भी साहित्य और वैचारिक किताबों में रुचि दिखा रहे हैं। पिछले दिनों चली वर्षा के बाद मेले के चौथा दिन मौसम खुशनुमा रहा तो साहित्य प्रेमियों के मेला भ्रमण का सिलसिला रात तक चलता रहा।


मेले में आयी नई किताबों में राजपाल द्वारा प्रकाशित 24 पुस्तकों में सुधीर विद्यार्थी की बिदाय दे मा!, देवदत्त पट्टनायक की गरुड़ पुराण, राजेन्द्र राजन की फिल्म से चर्चित हुयी हीरामण्डी और सुशील तंवर की मुखबिर पसंद की जा रही हैं। राजकमल समूह की किताबों में प्रत्यक्षा की अतर दुनिया में क्या हासिल, देवेश की मेट्रोनामा और संजीव की प्रार्थना जैसी पुस्तकों की चर्चा हो रही है। सेतु प्रकाशन समूह की किताबों में राजू शर्मा की मतिभ्रम, खदीजा मस्तूर की आंगन, प्रेमरंजन अनिमेष की स्त्रीगाथा और थारेय वेसोस के नीलाक्षी सिंह द्वारा अनुवादित बरफ महल नयी किताबें हैं।

प्रभात की नयी पुस्तकों में डा. हेमंत राजे गायकवाड़ की शिवाजी महाराज द ग्रेटेस्ट के साथ बेस्ट सेलर अब्दुल कलाम की तेजस्वी मन, आशुतोष राणा की मौन मुस्कान की मार और दि पावर आफ योर सबकांशियस माइंड जैसी पुस्तकों की मांग है। वाणी प्रकाशन ग्रुप की किताबों में सिमोन द बोव्अर की फ्रेंच से मोनिका सिंह द्वारा हिन्दी में अनुवादित द सेकेण्ड सेक्स, विश्वास पाटील की ग्रेट कंचना सर्कस, गरिमा श्रीवास्तव की हिंदी नवजागरण इतिहास गल्प और स्त्री प्रश्न नयी पुस्तकों में कुछ महत्वपूर्ण किताबें हैं। अन्य स्टालों पर भी नयी किताबें खूब हैं।


साहित्यिक मंच पर आज सुबह अगीत परिषद के तत्वावधान में रत्ना बापुली की पुस्तक भारत की महान नारियां का विमोचन प्रोफेसर डा. उषा सिन्हा की अध्यक्षता में हुआ। डा. योगेश के संचालन में महेंद्र भीष्म, सुल्तान शाकिर हाशमी, आरएन तिवारी और शिवमंगल सिंह मंगल ने विचार व्यक्त किये। अगला कार्यक्रम मीडिया फाउण्डेशन के सौजन्य से डा. अनिल की अध्यक्षता में रचनाकार सुल्तान शाकिर हाशमी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विद्वानों द्वारा चर्चा का रहा।


उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से आयोजित संस्कृत भाषा कवि सम्मेलन में रेखा शुक्ला ने भारत वंदना की। प्रो.रामसुमेर यादव और शिक्षक डा. अशोक शतपथी के अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक डा. सत्यकेतु ने त्रोटक छंद में सरस्वती को नमन करते हुए अपनी रचनाओं का पाठ किया।
गायत्री परिवार ट्रस्ट के अरुणोदय नेत्र केन्द्र द्वारा अरुण कुमार रस्तोगी की स्मृति में गुरुकुल के विद्यार्थियों के स्वस्ति वाचन और वेदपाठ से प्रारंभ कार्यक्रम में आधुनिक काल में वैदिक ज्ञान की प्रासंगिकता और युवा सशक्तीकरण जैसे विषयों पर चर्चा चली। इसी क्रम में आगे निष्ठा रस्तोगी, गोपाल ओझा और डा. एपी शुक्ला इत्यादि ने आध्यात्मिक चर्चा की।

शाम को जन संस्कृति मंच की ओर से भगवान स्वरूप कटियार के नये कविता संग्रह भीड़ के पांव का विमोचन और काव्यपाठ हुआ। कवि व आलोचक चन्द्रेश्वर की अध्यक्षता में अशोक चन्द्र, शैलेश पंडित तथा उषा राय ने संग्रह की कविताओं पर विचार रखे। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में तस्वीर नकवी, विमल किशोर, रेनू शुक्ला, इरा श्रीवास्तव, रोहिणी राज, अशोक वर्मा, अशोक श्रीवास्तव, मधुसूदन मगन आदि ने कविताएं पढ़ीं। संचालन कलीम खान ने किया।

1 अक्टूबर के कार्यक्रम


पूर्वाह्न 11.00 बजे कार्यक्रम : राजकमल प्रकाशन
अपराह्न 12.30 बजे पुस्तक विमोचन : अमित तिवारी
अपराह्न 2.00 बजे संगोष्ठी : वसुंधरा फाउण्डेशन
अपराह्न 3.30 बजे पुस्तक विमोचन : मंजूषा परिषद
शाम 5.00 बजे सम्मान व विमोचन समारोह : अभिव्यक्ति
शाम 6.30 बजे संगोष्ठी : उद्यमिता के अवसर