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भगवान कृष्ण ने की गोवर्धन लीला, बच्चों ने नृत्य व गायन से मचाया धमाल


लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। न्यू गणेशगंज में चल रहे 6 दिवसीय डिजिटल मूविंग जन्माष्टमी झांकी के पांचवें दिन शनिवार को गोवर्धन लीला, सांस्कृतिक कार्यक्रम संध्या में बच्चों की नृत्य एवं गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में रिया यादव ने मैं राधा वल्लभ की, राधा वल्लभ मेरे…, सौम्या श्रीवास्तव ने श्याम बंसी बजाते हो या मुझे बुलाते हो…, वंशिका कनौजिया ने श्याम तेरे नाम की जोगन बनके…, साक्षी निषाद ने राधा कैसे न जले, राधा कैसे न जले…, शिक्षा निषाद ने मैय्या यशोदा…, सृष्टि गुप्ता ने वो कृष्णा है… पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर सभी को सम्मोहित कर दिया।

मनमोहक नृत्य बाद फोक डांस में अर्नव-विधि-अंशिका-अनुष ने मच गया शोर सारी नगरी रे, सारी नगरी रे आया बिरज का बांका, संभाल तेरी गगरी रे एवं युगल नृत्य में शगुन गुप्ता-रिया यादव ने तेरे बिना कृष्णा…, संस्कृति चौरसिया-वैष्णवी सिंह ने राधा कैसे न जले… पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत कर सभी को थिरकने के लिए मजबूर कर दिया।

वहीं दूसरी ओर डिजिटल मूविंग गोवर्धन लीला की झांकी में एक दिन कृष्ण ने देखा कि पूजा मंडप में सभी बृजवासी तरह-तरह के पकवान व पूजन सामग्री चढ़ाकर पूजन करने में व्यस्त थे। तब कृष्ण ने माता यशोदा से पूछा किसकी पूजा कर रहे है। माता ने बताया कि प्रतिवर्ष सभी ब्रजवासी मेघों के स्वामी इंद्र की पूजा करते है क्योंकि इन्द्रदेव वर्षा करते हैं। जिससे अन्न की अच्छी पैदावार और हमारी गायों को चारा प्राप्त होता है। तब श्रीकृष्ण ने कहा कि वर्षा करना तो इंद्रदेव का कर्तव्य है। यदि पूजा करनी है तो हमें गोवर्धन पर्वत की करनी चाहिए, क्योंकि हमारी गायें तो वहीं चरती हैं और हमें फल-फूल, सब्जियां आदि भी गोवर्धन पर्वत से प्राप्त होता हैं। तब सभी ब्रजवासी इंद्रदेव की बजाए गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे।

इंद्र ने इसे अपना अपमान समझा और क्रोध में आकर प्रलयदायक मूसलाधार बारिश शुरू कर दी। जिससे हर ओर त्राहि-त्राहि होने लगी। सभी अपने परिवार और पशुओं को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। तब कृष्ण ने इंद्रदेव का अंहकार नष्ट करने के लिए कड़कती हुई बिजली एवं मूसलाधार बारिश के बीच गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया और समस्त ब्रजवासी एवं गायों की रक्षा की।