आईपीएल- समाधान अभियान की पुस्तक : ‘सतर्क रहें सुरक्षित रहें’ का अनावरण
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने शनिवार को मॉल एवेन्यू स्थित अपने निवास पर “सतर्क रहें, सुरक्षित रहें” नामक किताब का अनावरण किया। इसके साथ ही उन्होंने दृष्टि दिव्यांगों के लिए POCSO अधिनियम संवेदीकरण सामग्री निर्माण के प्रथम प्रयास का भी शुभारंभ किया। यह पहल इंडिया पेस्टीसाइड्स लिमिटेड और समाधान अभियान द्वारा संचालित “चुप्पी तोड़, हल्ला बोल” परियोजना के अंतर्गत की गई।
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अर्चना अग्निहोत्री (संस्थापक, समाधान अभियान) ने कहा, “इस किताब को लिखने में इंडिया पेस्टीसाइड्स के ESG और सीएसआर प्रमुख रामकृष्णन सुब्रमण्यम की मुख्य प्रेरणा रही। उन्होनें प्रेरित किया कि हम लोग इस विषय पर बच्चों के लिए किताब लिखें। इसके अलावा जस्ट लर्न की निदेशक आकृति ने भी हम लोगो से कहा कि हमारा कंटेंट इतना अच्छा है हमें इस पर किताब लिखनी चाहिए।
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उन्होंने बताया कि इस किताब में बच्चों को विभिन्न प्रकार के खतरों, जैसे कि शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण से बचने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें बच्चों को सरल भाषा में उनकी आयु के अनुरूप उदाहरणों से समझाया गया है। किताब का प्रमुख संदेश बच्चों को सुरक्षित माहौल में रहने और अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक होने के लिए प्रोत्साहित करना हैं। जिससे ज़्यादा बच्चों को जागरूक किया जा सके। क्योंकि सब जगह हम नहीं जा सकते लेकिन बच्चे तो सब जगह होते है। ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए हमने यह निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि जब बच्चा सुरक्षित रहने के ज्ञान से सशक्त होगा तो वह एक सशक्त समाज की स्थापना करेगा। अगर उसके साथ कुछ अनुचित होगा तो वह चुप नहीं रहेगा आवाज़ उठाएगा और अपराधी के विरुद्ध हल्ला बोलने की क्षमता रखेगा। जो की हमारी परियोजना का नाम भी है: चुप्पी तोड़ – हल्ला बोल।”
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बच्चों के लिए POCSO अधिनियम पर ज्ञान प्रदान करने वाले कार्टूनों से भरी एक पुस्तक डिजाइन करने की प्रेरणा इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड के CSR प्रोजेक्ट – “चुप्पी तोड़; हॉल बोल” के दौरान मिली। स्कूल में शिक्षकों और छात्रों द्वारा इस पुस्तक का उपयोग हमें असुरक्षित स्पर्श के बारे में जागरूकता फैलाने में तेज़ी से मदद कर सकता है। आईपीएल के सीएसआर प्रमुख ने लखनऊ के नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ ब्लाइंड से मिलवाया। जिसका योगदान और सहयोग भारत में पहली बार दृष्टिबाधित लोगों के लिए POCSO प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करने में अमूल्य है।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति और अतिथि उपस्थित रहे। जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. अमिता दुबे (उपाध्यक्ष, नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड), रामकृष्णन सुब्रमण्यम (ईएसजी और सीएसआर प्रमुख), आकृति चौधरी (निदेशक, जस्ट लर्न), समाधान अभियान की संस्थापक अर्चना अग्निहोत्री, शीलम बजपई और सौम्या द्विवेदी (निदेशक, समाधान अभियान) शामिल है।
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शिक्षा मंत्रालय का यह प्रयास है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बाल यौन उत्पीड़न से बचाव के बारे में बच्चों को सिखाया जाए। यह किताब सरल भाषा में और उनकी आयु के अनुरूप शब्दावली में बच्चों को यह समझाती है। बाल सुरक्षा को प्राथमिकता देने की यह पहल मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। साथ ही बच्चों के प्रति सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समाधान अभियान का मानना है कि प्रत्येक बच्चे को यौन उत्पीड़न से सुरक्षित रहना उसका अधिकार है। आज की तारीख़ में भी छपी हुई किताब ही सबसे उपयुक्त माध्यम है। यह पहल देश में बाल सुरक्षा और शिक्षा के प्रति समाधान अभियान के दृष्टिकोण को भी उजागर करती है, जो कि हर बच्चे को सुरक्षित और सुरक्षित माहौल में बढ़ने का अधिकार देता है।