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महापौर ने की बंदी माता मन्दिर के मुख्य द्वार के निर्माण की घोषणा, साधु-संतों ने जताई खुशी

  • श्री बंदी माता मंदिर का 42वाँ वार्षिक समारोह का दूसरा समारोह
  • मथुरा की रोली शास्त्री ने सुनाए श्रीमद-भागवत के प्रसंग


लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मथुरा की लोक कथा वाचक रोली शास्त्री ने श्रीमद्भागवत कथा सुनाकर भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने शिवचरित्र प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया। दक्ष का यज्ञ, सती जी का जलना, शिव पार्वती विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने संगीतमयी कथा में गिरिधर कवि की कुंडली “बिना विचारे जो करे सो पाछै पछताए, काम बिगाड़े आपुनौ जग में होय असहाय।।” की प्रस्तुति से आनंदित कर दिया। वरिष्ठ समाजसेवी राधा वर्मा ने श्रीमद भागवत गीता का पूजन किया।


इसके बाद मथुरा के ही पं नित्यानंद सह कलाकारों की गीत संगीतमय रासलीला में देर रात तक भीड़ रही। श्री बंदी माता मंदिर डालीगंज के 42वें वार्षिक समारोह के दूसरे दिन श्रधालु शामिल रहे। सुबह मंदिर की यज्ञशाला पर सप्तचंडी महायज्ञ चला। आचार्य शिवानंदपुरी व सहाचार्यों ने सामूहिक मंत्रोच्चार से आहुतियां देकर मंगलकामनाएं की। मुख्य मंच पर श्रीमद्भागवत गीता, रासलीला और संत-सम्मलेन हुआ।
रविवार शाम को मुख्य मंच पर हुए समारोह में साधु-संतों, पार्षद रणजीत सिंह समेत डालीगंज की जनता ने लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल के श्री बन्दी माता मन्दिर के मुख्यद्वार की घोषणा किए जाने पर हर्ष व्यक्त किया।

समारोह में बाराबंकी, कन्हईपुर हनुमान मंदिर कुटी के सहयोगी, जनप्रतिनिधि पं दुर्गेश कुमार तिवारी मुख्य समारोह के अतिथि थे। श्री महन्त देवेंद्रपुरी महाराज, महन्त मनोहपुरी के सानिध्य में हुए इस समारोह में महंत पूजापुरी, महंत मनोहरपुरी व महंत पूजापुरी, भास्करपुरी, राजूपुरी जी, महंत सावनपुरी जी, पार्षद रणजीत सिंह, डालीगंज के अनेक निवासी मौजूद रहे।