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Colours : ‘कयामत से कयामत तक’ के करम राजपाल और तृप्ति मिश्रा ने नवाबों के शहर में जलाई “प्यार की मशाल”

बोले, संस्कार व प्यार का असली मतलब भूल रही है वर्तमान पीढ़ी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। वर्तमान पीढ़ी संस्कारों व प्यार के सही मतलब को भूल चुकी है और मोबाइल, कम्प्यूटर व सोशल मीडिया पर जिंदगी गुजार रही है। यह कहना है प्यार के महीने में रोमांस फैलाते हुए, कलर्स के ‘कयामत से कयामत तक’ के कलाकार करम राजपाल और तृप्ति मिश्रा का। उन्होंने कहा कि आज का प्यार सेल्फी वाला प्यार बन गया है। जबकि प्यार का असली मतलब एक दूसरे का साथ देना और उनके हर दुख सुख में साथ निभाना।

सोमवार को “प्यार की मशाल” जलाने नवाबों के शहर लखनऊ पहुंचे दोनों कलाकार अपने फैन्स से रूबरू हुए और खुलकर बात की। महानगर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने अपने फैन्स से सवाल भी किये और सही जवाब देने वालों को पुरस्कार भी दिया। इन उनकी एक झलक पाने व सेल्फी खींचने के लिए फैन्स काफी बेताब दिखे।

 हाल ही में लॉन्च किया गया यह शो उन तीन अलग-अलग प्रेम कहानियों में से एक है, जो चैनल के प्राइम-टाइम स्लॉट पर रात 9:30 बजे से 11 बजे तक एक के बाद एक प्रसारित होती हैं, जिसने इसे एक भव्य रोमांटिंग महोत्सव बना दिया है। प्यार के विभिन्न रंगों का जश्न मनाते हुए, कलर्स ने अपने अभियान ‘प्यार की मशाल’ के साथ रोमांस की लौ जलाने का प्रयास किया है। जो लोगों को प्यार से इकट्ठा और एकजुट करते हुए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के कई शहरों को सफलतापूर्वक रोशन कर रहा है। जबकि दुनिया प्यार के महीने में डूबी है, करम और तृप्ति ने एक अनोखे कैंटर में रोमांस की लौ – ‘प्यार की मशाल’ जलाई जो तीन राज्यों के अपने सफर के दौरान लखनऊ में रुकी। कलाकारों और स्थानीय लोगों को एक जीवंत नुक्कड़ नाटक देखने को मिला, जो इस रोमांटिक ड्रामा से प्रेरित ऊर्जा और रचनात्मकता से भरपूर स्ट्रीट प्ले था।

दर्शकों का प्यार बटोरने वाला, ‘कयामत से कयामत तक’ एक शाश्वत प्रेम कहानी है जो राज (करम) और पूर्णिमा (तृप्ति) के जीवन को दर्शाता है, जिनके प्यार को उम्र, समाज और यहां तक कि मौत की बाधाओं से भी चुनौती मिलती है। क्या उनका प्यार मृत्यु की अटलता से बच पाएगा?

‘कयामत से कयामत तक’ में राज की भूमिका निभा रहे करम एस राजपाल कहते हैं, “कयामत से कयामत तक को पसंद करने वाले सभी दर्शकों को बहुत-बहुत धन्यवाद। इतने सारे प्यार के साथ, मैं लखनऊ में प्यार की मशाल को रोशन करने और शहर के लोगों के साथ बातचीत करने को लेकर रोमांचित हूं। प्यार का जश्न मनाने के लिए इतनी बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होते देखकर बहुत ही अच्छा लगता है। कलर्स ने अपने 9:30 बजे से 11 बजे के टाइम स्लॉट में रोमांस का महोत्सव आयोजित कर दिया है और इन तीन अलग-अलग प्रेम कहानियों से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करना अद्भुत है। सबसे बढ़कर, मैं हमारे शो और पुनर्जन्म के रहस्य के संबंध में लोगों के विचार जानने को लेकर उत्साहित हूं। मैं चाहता हूं कि पूरे भारत में सभी दर्शक हमारे द्वारा जलाई गई प्यार की लौ की गर्माहट फैलाएं।”

‘कयामत से कयामत तक’ में पूर्णिमा का किरदार निभा रहीं तृप्ति मिश्रा कहती हैं, “कलर्स में रात 9:30 बजे से 11 बजे तक के प्राइम टाइम स्लॉट में प्रसारित होने वाले तीनों शो में प्यार एक समान पहलू है, जिनसे दर्शकों को रोमांस की ट्रिपल डोज़ मिलती है। प्यार की बात करें तो, मैं दर्शकों को कयामत से कयामत तक को इतना प्यार देने के लिए धन्यवाद देती हूं। यह शो पुराने दौर का रोमांस पेश करता है और यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि शो दर्शकों को कितना मंत्रमुग्ध कर रहा है।”