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इस तकनीकी से ईंट भट्ठा उद्योग को मिलेगी रफ्तार, राज्यस्तरीय बैठक 24 अगस्त को

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ईंट भट्ठा उद्योग में व्यापक तकनीकी बेहतरी के लिए प्रांतीय स्तर पर बुनियाद अभियान द्वारा प्रयास किये जा रहे है। गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में सामाजिक कार्यकर्ता ताहिरा हसन, क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर, बुनियाद अभियान की संयोजक सानिया अनवर, अभियान के सहयोगी संगठन सीईआरटी, प्रयागराज के सचिव वीरेन्द्र कुमार राय और जन विकास केंद्र अम्बेडकरनगर के सचिव मनोज कुमार ने प्रयासों को मीडिया से साझा किया।

बुनियाद अभियान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहाकि “पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत ईंट भट्ठा उद्योग में न्यायसंगत तकनीकी बदलाव इस अभियान का केंद्रीय तत्व है। तकनीकी बदलाव को हम न्यायसंगत तभी कह सकेंगे अगर ईंट भट्ठा उद्योग पारंपरिक तकनीकी से आगे बढ़ कर जिग ज़ैग जैसी तकनीकी अपना ले। परंतु इसका लाभ केवल पर्यावर्णीय क्षेत्र या ईंट भट्ठा मालिकों के बीच सीमित रहने के बजाये भट्ठा मजदूरों और आस पास रहने वाले ग्रामीण समुदायों तक भी पहुंचे।

इस बारे में वक्ताओं ने बताया “वर्षों से करोड़ों हाथों को रोजगार देने वाले ईंट भट्ठा उद्योग को आज बहुत सारी गलत वजहों से जाना जाता है। पर्यावरण को पहुँचने वाली क्षति के साथ साथ मजदूरों की दशा हमेशा से चिंता का कारण बनी रही है। मालिकों और मजदूरों के आपसी सम्बन्ध काफी असंतोष झलकता है। अभियान के इस प्रथम चरण में इस उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों को एक साथ एक पटल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार और एनजीटी के आदेशों के आधार पर यह तकनीकी बदलाव तो अनिवार्य है। इसे सुगम बनाने के उद्देश्य से यह अभियान सरकार से सब्सिडी देने की मांग प्रमुखता से कर रहा है। इन समाधानों के मार्फ़त बुनियाद अभियान इस उद्योग को उत्तर प्रदेश के एक ऐसे आदर्श उद्योग के रूप में प्रतिष्ठित कराने का प्रयास कर रहा है जो न्यायसंगत बदलाव के सन्दर्भ में अन्य उद्योगों के लिए प्रेरणाश्रोत बन सके।”

उन्होंने कहा कि प्रांतीय स्तर पर सभी हितधारकों को एक पटल पर लाने की कोशिश में 24 अगस्त को बैठक लखनऊ में आयोजित की जाएगी। इस बैठक के माध्यम से एक प्रांतीय पटल की औपचारिक घोषणा प्रस्तावित है। इस पटल में शामिल सभी हित धारक इस उद्योग के अन्दर न्यायसंगत परिवर्तन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अगले कुछ महीनों में एक कार्ययोजना का निर्माण करेंगे, जिसे बुनियाद अभियान द्वारा राज्य सरकार को सौंपा जाएगा।